नई दिल्ली
सरकार द्वारा शुरू किए गए 'उम्मीद पोर्टल' पर वक्फ संपत्तियों के विवरण अपलोड करने और पंजीकरण प्रक्रिया को तेज़ करने के उद्देश्य से आज जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के मुख्यालय में वक्फ हेल्प डेस्क (बैक-एंड सपोर्ट सिस्टम) का उद्घाटन किया गया। इस हेल्प डेस्क के माध्यम से वक्फ के संरक्षक, मस्जिदों के इमाम और धार्मिक संस्थाओं के जिम्मेदार सीधे संपर्क कर सहायता ले सकेंगे। इसका उद्घाटन जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने किया।
इस अवसर पर सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि "वक्फ की सुरक्षा पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। पूरी उम्मत को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा। जमाअत-ए-इस्लामी हिंद का वक्फ विभाग इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय है। केंद्र और कई राज्यों में वक्फ पंजीकरण कार्य शुरू हो चुका है।" उन्होंने यह भी कहा कि "वक्फ पंजीकरण के लिए समुदाय के पास बहुत कम समय बचा है और यह कार्य बहुत विशाल है। इसलिए देशभर में बड़े पैमाने पर केंद्र बनाए जाने चाहिए और पंजीकरण की प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।"
उन्होंने आगे बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के बाद वक्फ संपत्तियों के दस्तावेजों को WAMSI पोर्टल पर अपलोड कर पंजीकरण कार्य को समय पर पूरा करना बेहद जरूरी हो गया है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजीकरण का मतलब अनुचित वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ संघर्ष खत्म करना नहीं है, बल्कि कानूनी लड़ाई जारी रखी जाएगी।
केंद्र के समन्वयक इनाम-उर-रहमान खान ने वक्फ हेल्प डेस्क की भूमिका बताते हुए कहा, "वक्फ के दस्तावेजीकरण का काम आसान नहीं है और उम्मीद पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने में कई दिक्कतें आती हैं। इन्हीं दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए यह हेल्प डेस्क शुरू किया गया है। यहां पंजीकरण से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।"
उन्होंने बताया कि जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने वक्फ पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर पर वक्फ प्रकोष्ठ भी बनाए हैं। साथ ही केंद्रीय हेल्प डेस्क और राज्य वक्फ प्रकोष्ठों की देखरेख में एक स्थायी हेल्पलाइन भी स्थापित की गई है, जिसमें कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं की सेवाएं ली जा रही हैं ताकि जमीनी स्तर पर काम करने वालों को समय-समय पर मार्गदर्शन और मदद मिल सके।
इस मौके पर एक अपील भी की गई कि स्वयंसेवकों की नेटवर्किंग और निगरानी समितियों के गठन पर विशेष ध्यान दिया जाए। हर क्षेत्र में युवाओं, सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों की वक्फ सुरक्षा समितियां बनाई जाएं, जो स्थानीय वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जों और गतिविधियों पर नजर रखें और दस्तावेजों की सही प्राप्ति, सत्यापन व पंजीकरण सुनिश्चित करें। साथ ही, जमाअत ने उम्मीद पोर्टल पर वक्फ अपलोड करने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए।
वक्फ हेल्प डेस्क के उद्घाटन समारोह में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के केंद्रीय पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या मौजूद रही।