The Prime Minister took the decision to end MNREGA without consulting the Cabinet and Chouhan: Rahul
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दावा किया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को खत्म करने का फैसला सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया और ऐसा करते समय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा कैबिनेट से विचार-विमर्श नहीं किया गया।
उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि सरकार के इस कदम के खिलाफ लड़ाई में विपक्ष एकजुट होकर खड़ा होगा।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं थी, बल्कि यह काम के अधिकार पर आधारित एक विचार था। मनरेगा से देश में करोड़ों लोगों को न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित होती थी। मनरेगा पंचायती राज में सीधा राजनीतिक हिस्सेदारी और वित्तीय सहयोग का साधन था।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार अधिकारों के विचार और संघीय ढांचे पर हमला कर रही है। मोदी सरकार राज्यों से पैसा छीन रही है। यह सत्ता और वित्तीय व्यवस्था का केन्द्रीकरण है। इससे देश और गरीब जनता को नुकसान है।’’
राहुल गांधी ने दावा किया कि मनरेगा को खत्म करने का फैसला सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से लिया गया है और मंत्री (चौहान), कैबिनेट से बिना पूछे यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अकेले यह फैसला किया है।