आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अब केवल वैज्ञानिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं है, बल्कि शासन और आम नागरिकों के रोज़मर्रा के जीवन में भी गहराई से जुड़ चुकी है. उन्होंने बताया कि फसल बीमा योजना में सैटेलाइट आधारित मूल्यांकन, मछुआरों को समुद्र में सुरक्षा संबंधी सूचना उपलब्ध कराना, आपदा प्रबंधन और प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत भू-स्थानिक डेटा का उपयोग, सब कुछ इस बात का प्रमाण है कि अंतरिक्ष प्रगति ने आम लोगों की जिंदगी आसान बना दी है.
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज स्पेस-टेक भी भारत में गवर्नेंस का हिस्सा बन गया है. चाहे फसल बीमा योजना में सैटेलाइट आधारित मूल्यांकन हो या मछुआरों को सुरक्षा संबंधी सूचना देना...चाहे आपदा प्रबंधन हो या गतिशक्ति योजना में भू-स्थानिक डेटा का उपयोग...भारत की प्रगति नागरिकों का जीवन सरल बना रही है.
उन्होंने भारत के उभरते हुए स्पेस स्टार्टअप्स से आह्वान किया कि अगले पाँच सालों में वे अंतरिक्ष क्षेत्र में कम से कम पाँच यूनिकॉर्न तैयार करें. पीएम मोदी ने कहा कि भारत फिलहाल हर साल पाँच बड़े रॉकेट प्रक्षेपण करता है, लेकिन अगले पाँच वर्षों में इसे 50 तक ले जाने का लक्ष्य होना चाहिए. “मैं चाहता हूँ कि भारत हर हफ्ते एक रॉकेट लॉन्च करने की स्थिति में पहुँचे,” उन्होंने कहा.
इस मौके पर इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने भी प्रधानमंत्री की दृष्टि और नेतृत्व को चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का आधार बताया। उन्होंने कहा कि 23 अगस्त 2023 को जब चंद्रयान-3 ने चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की, तब भारत ने इतिहास रच दिया और प्रधानमंत्री मोदी ने उस स्थल को ‘शिवशक्ति बिंदु’ नाम दिया। उसी दिन को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने की घोषणा भी की गई.