जमशेदपुर (झारखंड)
झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग (जेएसएमसी) ने मंगलवार को उस घटना पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें एक नन और 19 आदिवासी नाबालिगों से टाटानगर रेलवे स्टेशन पर कथित तौर पर करीब पाँच घंटे तक पूछताछ की गई थी। यह कार्रवाई मानव तस्करी और धर्मांतरण के शक में एक हिंदू संगठन द्वारा की गई थी।
जानकारी के मुताबिक, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने शुक्रवार रात दक्षिण बिहार एक्सप्रेस से उतरने के बाद कैथोलिक नन और बच्चों को घेरकर धर्म परिवर्तन को लेकर सवाल किए।
अल्पसंख्यक आयोग के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें मीडिया के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिली, जिसमें रेलवे पुलिस ने भी नन और नाबालिग लड़के-लड़कियों को हिरासत में लिया था।
एक अल्पसंख्यक संगठन ने आरोप लगाया कि बजरंग दल और विहिप के नेताओं ने जीआरपी के माध्यम से कैथोलिक नन और आदिवासी बच्चों से घंटों पूछताछ की।
इस मामले पर जीआरपी की पुलिस उपाधीक्षक जयश्री कुजूर ने कहा कि जांच जारी है, लेकिन अब तक धर्म परिवर्तन या मानव तस्करी का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
जेएसएमसी के उपाध्यक्ष प्रणेश सोलोमन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि टाटानगर रेलवे स्टेशन पर दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय को परेशान करने की यह घटना गंभीर है और आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है।