हिंसा के बाद लेह ज़िले में निषेधाज्ञा लागू

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 24-09-2025
Section 163 prohibitory orders imposed in Leh district following violence
Section 163 prohibitory orders imposed in Leh district following violence

 

लेह

लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद अधिकारियों ने लेह ज़िले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी। इसके तहत पाँच या पाँच से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

लेह एपेक्स बॉडी के नेतृत्व वाला यह आंदोलन तब हिंसक हो गया जब सड़कों पर उतरे सैकड़ों लोगों ने भाजपा कार्यालय और कई वाहनों में आग लगा दी। लद्दाख की राजधानी में पूर्ण बंद के बीच, दूर से ही आग की लपटें और काले धुएं के बादल देखे जा सकते थे।

लेह के जिलाधिकारी रोमिल सिंह डोंक ने निषेधाज्ञा जारी करते हुए कहा कि क्योंकि सभी को व्यक्तिगत रूप से नोटिस नहीं दिया जा सकता, इसलिए यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि आदेश के किसी भी उल्लंघन पर बीएनएसएस की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

आदेश के तहत प्रतिबंध

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि बीएनएसएस की धारा 163 के तहत, सक्षम प्राधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति के बिना कोई भी जुलूस, रैली या मार्च नहीं निकाला जाएगा। उन्होंने आगे कहा:

  • सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी वाहन-माउंटेड या अन्य लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं करेगा।

  • कोई भी ऐसा बयान नहीं देगा जिससे सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना हो, या ज़िले में कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सके।

  • पूरे ज़िले के अधिकार क्षेत्र में पाँच या पाँच से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा।

जिलाधिकारी ने इस आदेश को लागू करने का कारण बताते हुए कहा कि उनके संज्ञान में लाया गया है कि सार्वजनिक शांति और सद्भाव में गड़बड़ी, मानव जीवन को खतरे और कानून-व्यवस्था की समस्या की आशंका है। उन्होंने कहा, "मैं संतुष्ट हूँ कि सार्वजनिक व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए तत्काल निवारण और उपचारात्मक उपाय आवश्यक हैं।"