हिमाचल प्रदेश के बागवानी विभाग ने फल उत्पादकों को सर्दियों में फसलों को सुरक्षित रखने के दिए सुझाव

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 21-11-2025
The Horticulture Department of Himachal Pradesh has given suggestions to fruit growers to protect their crops during winter.
The Horticulture Department of Himachal Pradesh has given suggestions to fruit growers to protect their crops during winter.

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 हिमाचल प्रदेश में बागवानी विभाग ने सर्दियों की शुरुआत के साथ ही फल उत्पादकों को उनकी फसलों पर कोहरे एवं शुष्क मौसम की स्थिति के प्रभाव से निपटने के लिए कई उपाय सुझाए हैं।
 
प्रमुख फल उत्पादक जिलों में से एक हमीरपुर में बागवानी विभाग के उप निदेशक राजेश्वर परमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट और बारिश की कमी से कई इलाकों में कोहरे की संभावना बढ़ गई है।
 
उन्होंने फल उत्पादकों को आम, पपीता, लीची और अन्य पौधों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान रखने का सुझाव दिया क्योंकि सर्दियों में कोहरे के कारण नमी कम हो जाती है और कम तापमान के कारण पौधों की कोशिकाएं फट जाती हैं जिससे अकसर उपज कम होती है।
 
परमार ने कहा कि कोहरा खट्टे फलों के साथ-साथ आम, लीची, पपीता और अमरूद जैसे सदाबहार फलों के पौधों को भी प्रभावित करता है।
 
पाले से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए परमार ने कहा कि किसानों को नियमित रूप से अपने पौधों की सिंचाई करनी चाहिए, छोटे पौधों को पुआल से ढकना चाहिए और दक्षिण-पूर्वी हिस्से को धूप के लिए खुला छोड़ना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि शाम के समय सूखी पत्तियों और घास को जलाने से भी तापमान बढ़ सकता है।
 
परमार ने आम उत्पादकों को सलाह दी कि वे पौधों को ‘नायलॉन’ की जाली (50 प्रतिशत छाया) से ढक दें। इसके अलावा उचित मात्रा में पोटाश डालने से पौधों को कोहरा सहन करने में मदद मिलती है।
 
अधिकारी ने सुझाव दिया कि गाय के गोबर में उर्वरक, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश मिलाकर उसकी पट्टी बनाकर (लगातार पट्टी लगाकर) डालें और मिट्टी व घास की गीली घास से ढक दें।
 
उन्होंने कहा कि इसके अलावा पौधों के तनों पर ‘कॉपर ऑक्सीक्लोराइड’ या ‘बोर्डो’ मिश्रण का छिड़काव भी मददगार हो सकता है।