The government has notified four labor codes, bringing all workers under the ambit of social security.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
सरकार ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसले में सभी चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित कर दिया। इस प्रमुख सुधार के जरिये 29 मौजूदा श्रम कानूनों को तर्कसंगत बनाया गया है।
इसमें गिग यानी अल्पकालिक अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा कवरेज, सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य नियुक्ति पत्र और सभी क्षेत्रों में वैधानिक न्यूनतम मजदूरी तथा समय पर भुगतान जैसे प्रावधान शामिल हैं।
साथ ही लंबे कार्य घंटे, व्यापक निश्चित अवधि के रोजगार और नियोक्ता-अनुकूल छंटनी नियमों की अनुमति भी है जिसकी श्रमिक संगठनों ने आलोचना की थी।
ये चार श्रम संहिताएं - वेतन संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 तथा व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशा संहिता, 2020 हैं। इन्हें पांच साल पहले संसद ने पास किया था।
चार संहिताओं में 29 श्रम कानून शामिल किए गए हैं। वेतन संहिता में चार, सामाजिक सुरक्षा संहिता में नौ, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशा संहिता में 13 और औद्योगिक संबंध संहिता में तीन कानूनों को मिलाया गया है।
हालांकि, मजदूर संगठनों ने पूर्व में छंटनी संबंधी अस्पष्ट प्रावधानों और केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा कार्यान्वयन के दौरान संभावित मनमाने व्यवहार को लेकर इन संहिताओं की आलोचना की थी। इनमें बंदी, छंटनी या लागत कटौती के लिए अनिवार्य सरकारी अनुमति की सीमा बढ़ा दी गई है। मौजूदा प्रावधान में 100 या अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों को सरकारी अनुमति की जरूरत थी। अब नई संहिता में यह सीमा 300 श्रमिकों तक बढ़ा दी गई है।