श्रीनगर,
: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को आतंकवाद के पीड़ितों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने अब आतंकवाद के खिलाफ एक नई लक्ष्मण रेखा खींच दी है और अब आतंकवादियों और उनके समर्थकों को बराबर की सजा दी जाएगी।
श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा,"भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर आतंक को किसी देश की नीति बनाया गया है, तो उसका उत्तर दृश्यमान और निर्णायक रूप से दिया जाएगा।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक नई और सख्त नीति बनाई है — अब न केवल आतंकवादी बल्कि उन्हें पालने-पोसने वाले भी दंडित किए जाएंगे।"
इस अवसर पर उपराज्यपाल ने आतंकवाद में मारे गए 158 कश्मीरी नागरिकों के परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंपे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा,"जो जख्म दशकों से हरे थे, अब भरने लगे हैं। आज का ऐतिहासिक दिन उन परिवारों को एक प्रकार से न्याय और closure प्रदान करता है, जिन्होंने वर्षों तक चुपचाप दुख सहा।"
उपराज्यपाल ने कहा कि पाकिस्तान पिछले तीन दशकों से प्रॉक्सी आतंकवादी संगठनों के जरिए जम्मू-कश्मीर में निर्दोषों का खून बहा रहा है।
उन्होंने कहा,"समय बीत गया, लेकिन ग़म का दर्द नहीं गया। उन परिवारों की खामोश आँखों में अधूरे सपनों की कहानियाँ छुपी हैं।"
सिन्हा ने कहा,"अब आतंक के शिकार परिवारों के लिए न्याय और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने खुद आगे आकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और उसके नेटवर्क को उजागर किया है। मैं इन नागरिक शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं और उनके परिजनों के साहस को सलाम करता हूं।"
उन्हें आश्वासन देते हुए उपराज्यपाल ने कहा,"हम आतंक पीड़ितों के पुनर्वास के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। मैं उनके परिजनों को वचन देता हूं कि इन जघन्य अपराधों के दोषियों को कठोरतम सजा दी जाएगी — और आतंकवाद के समर्थकों को भी नहीं बख्शा जाएगा।"