नई दिल्ली
लोकसभा ने बृहस्पतिवार को ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ को विपक्ष के विरोध के बावजूद पारित कर दिया। कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने इसे ग्रामीण रोजगार खत्म करने वाला कदम करार देते हुए सरकार पर महात्मा गांधी से ‘नफरत’ का आरोप लगाया।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “इस विधेयक से मनरेगा योजना खतरे में है। 100 दिन से 125 दिन की मजदूरी का दावा सिर्फ दिखावा है। जैसे ही बजट का बोझ राज्यों पर पड़ेगा, मनरेगा धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। यह गरीब और मजदूर विरोधी कदम है।”
समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने विधेयक को बिना सहमति के पारित किए जाने पर आपत्ति जताई और महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने को सरकार की नापसंदगी बताया। द्रमुक सांसद कनिमोझि करुणानिधि ने कहा कि यह कदम ग्रामीण भारत के खिलाफ है और अब सरकार तय करेगी कि किन लोगों और क्षेत्रों को रोजगार मिलेगा।
वहीं भाजपा ने विधेयक को जनकल्याणकारी बताते हुए उसकी सराहना की। वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष के हंगामे पर आपत्ति जताई और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह कदम गरीबों के हित में है। भाजपा नेता संबित पात्रा ने बताया कि इस विधेयक के तहत 1.51 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे, ग्रामीणों को 125 दिन काम की गारंटी मिलेगी और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
संसदीय कार्यवाही के दौरान विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस देखने को मिली, लेकिन भाजपा का कहना है कि यह विधेयक ग्रामीण भारत और गरीबों के कल्याण के लिए ऐतिहासिक महत्व का है।






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