वैष्णो देवी में भूस्खलन की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 32 हुई, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 27-08-2025
The death toll in the landslide incident in Vaishno Devi rose to 32, Prime Minister expressed condolences
The death toll in the landslide incident in Vaishno Devi rose to 32, Prime Minister expressed condolences

 

जम्मू
 
वैष्णो देवी में भूस्खलन की घटना में बचावकर्मियों द्वारा मलबे से और शव निकाले जाने के बाद, हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में पर्वतीय क्षेत्र में स्थित वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर एक दिन पहले भूस्खलन हुआ था।
 
अधिकारियों ने कहा कि लगातार और भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज हो रहा है। मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका के चलते बचाव दल तलाश जारी रखे हुए हैं। मलबे से 30 शव बरामद किए गए हैं, जबकि दो घायलों की अस्पताल में मौत हो गई।
 
मंगलवार को अपराह्न करीब तीन बजे भूस्खलन हुआ और पहाड़ की ढलान से पत्थर, शिलाखंड और चट्टानें नीचे गिरने लगीं। इससे बेखबर लोग इसकी चपेट में आ गए। घटना के बाद वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह सभी की सुरक्षा और उनके कुशल होने की प्रार्थना करते हैं।
 
 
 
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर भूस्खलन के कारण लोगों की जान जाने की खबर दुखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रशासन सभी प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है।’’
 
कटरा से मंदिर तक की 12 किलोमीटर की घुमावदार यात्रा के लगभग आधे रास्ते में अर्धकुंवारी में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भूस्खलन हुआ।
 
मंदिर तक जाने के दो मार्ग हैं, जिसमें हिमकोटि पैदल मार्ग पर सुबह से यात्रा स्थगित कर दी गई थी, जबकि पुराने मार्ग पर अपराह्न डेढ़ बजे तक यात्रा जारी थी। हालांकि अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए यात्रा अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया।
 
लगातार कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जम्मू क्षेत्र में तबाही मचा दी है।
 
किश्तवाड़ जिले के मचैल माता मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले आखिरी गांव चशोती में 14 अगस्त को बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और भीषण तबाही का मंजर सामने आया। इस घटना में कम से कम 65 लोग मारे गए जिनमें ज्यादातर तीर्थयात्री थे। इस प्राकृतिक आपदा में 100 से अधिक लोग घायल हो गए तथा 32 लोग अब भी लापता हैं।