फ्लोरिडा (अमेरिका)
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो एक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन के पायलट के रूप में अंतरिक्ष यात्रा के लिए तैयार हैं, ने कहा है कि "41वर्षों के बाद भारत एक बार फिर अंतरिक्ष में लौट रहा है।" उन्होंने कहा कि एक बार फिर भारत का तिरंगा अंतरिक्ष में लहराएगा।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्होंने लिखा:"INDIA IS RETURNING TO SPACE, JAI HIND"
और बताया कि “ड्रैगन अंतरिक्ष यान का हैच बंद हो गया है, सभी संचार और सूट जांच पूरी हो चुकी हैं, सीटें घुमा दी गई हैं और Ax-4क्रू लॉन्च के लिए तैयार है!”
इस मिशन में पोलैंड के स्लावोस उज़्नान्स्की (ESA के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री) और हंगरी के टिबोर कापु भी शामिल हैं। उज़्नान्स्की पोलैंड के 1978के बाद दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे और कापु हंगरी के 1980के बाद दूसरे। मिशन की कमान अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन संभालेंगी, जिनके नाम अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे ज्यादा कुल अंतरिक्ष समय बिताने का रिकॉर्ड है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के लिए यह मिशन भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा के पदचिह्नों पर चलने का अवसर है। राकेश शर्मा ने 3अप्रैल 1984को सोवियत ‘इंटरकॉस्मोस’ कार्यक्रम के तहत सोयुज टी-11पर सवार होकर साल्युत 7स्पेस स्टेशन में 7दिन बिताए थे। उस मिशन में उन्होंने योग और भारहीनता पर प्रभाव जैसे वैज्ञानिक प्रयोग किए थे।
मिशन लॉन्च का समय 25जून, बुधवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01बजे निर्धारित किया गया है। यह मिशन नासा के केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से स्पेसएक्स के फाल्कन 9रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित होगा, जिसमें चारों अंतरिक्ष यात्री एक नए ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना होंगे। स्टेशन से डॉकिंग की संभावित समयसीमा 26जून, गुरुवार सुबह 7बजे (स्थानीय समयानुसार) है।
हालांकि इससे पहले 22जून को प्रस्तावित लॉन्च को ISS के ज़्वेज़्दा सेवा मॉड्यूल में हाल ही में हुए मरम्मत कार्य के बाद की जा रही ऑपरेशनल जांच के चलते स्थगित कर दिया गया था।
नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स ने इस मिशन को लेकर कहा है कि यह भारत, पोलैंड और हंगरी जैसे देशों के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि ये तीनों देश 40वर्षों में पहली बार फिर से सरकारी समर्थन प्राप्त अंतरिक्ष यात्रा कर रहे हैं।
Ax-4मिशन, जो Axiom Space का चौथा प्राइवेट क्रू मिशन है, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और वैज्ञानिक अनुसंधान की दृष्टि से भी बेहद अहम है। मिशन के तहत कुल 60से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे, जिनमें भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, UAE और यूरोपीय देशों की भागीदारी रहेगी।
इन प्रयोगों का उद्देश्य मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव, पृथ्वी का अवलोकन, जीवन विज्ञान, जैविक अनुसंधान और सामग्री विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक ज्ञान को आगे बढ़ाना है। यह मिशन भारत समेत सभी साझेदार देशों की वैज्ञानिक क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करेगा।
Axiom Space के अनुसार, यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई दिशा देने का एक अवसर है और निम्न-पृथ्वी कक्षा (LEO) में अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा।