यूएससी शोधकर्ताओं ने विकसित किया एआई-संचालित वायरलेस इम्प्लांट, जो देगा बिना दवा के पुरानी दर्द से राहत

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 25-06-2025
USC researchers develop AI-powered wireless implant that can relieve chronic pain without drugs
USC researchers develop AI-powered wireless implant that can relieve chronic pain without drugs

 

वॉशिंगटन डीसी (अमेरिका)

दवाओं, बैटरियों और तारों से मुक्ति दिलाने वाला एक नया वायरलेस इम्प्लांट अब पुरानी दर्द की समस्या से जूझ रहे लोगों को वैयक्तिकृत और रीयल-टाइम राहत देने का वादा करता है। यह इम्प्लांट कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और अल्ट्रासाउंड एनर्जी की मदद से काम करता है, और इसे यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया (USC) और यूसीएलए के इंजीनियरों ने मिलकर तैयार किया है।

यह तकनीक "नेचर इलेक्ट्रॉनिक्स" में प्रकाशित एक शोध पत्र में विस्तार से बताई गई है और यह पारंपरिक स्पाइनल कॉर्ड स्टिमुलेटर की तुलना में बेहद उन्नत है, जो आमतौर पर भारी, असुविधाजनक होते हैं और बैटरी से जुड़े तारों की जरूरत पड़ती है।

कैसे काम करता है यह उपकरण?

इस इम्प्लांट को UIWI स्टिमुलेटर कहा गया है। इसे ऊर्जा एक बाहरी, पहनने योग्य अल्ट्रासाउंड ट्रांसमीटर (WUT) से मिलती है — यानी इसमें कोई बैटरी नहीं होती और न ही इसे शरीर में गहराई तक तारों से जोड़ने की जरूरत है।

यह ट्रांसमीटर पाईज़ोइलेक्ट्रिक इफेक्ट का उपयोग करता है, जिसमें अल्ट्रासाउंड तरंगों को विद्युत संकेतों में बदला जाता है।

AI के साथ स्मार्ट दर्द प्रबंधन

इस इम्प्लांट की खास बात यह है कि यह मरीज के मस्तिष्क की तरंगों (EEG) को पढ़ सकता है, और एक ResNet-18नामक न्यूरल नेटवर्क आधारित AI मॉडल द्वारा दर्द के स्तर को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करता है —

हल्का दर्द

मध्यम दर्द

तीव्र दर्द

इस मॉडल की सटीकता 94.8%है। जैसे ही यह दर्द का स्तर पहचानता है, पहनने योग्य ट्रांसमीटर तुरंत अल्ट्रासाउंड एनर्जी को समायोजित करता है। स्टिमुलेटर इसे विद्युत ऊर्जा में बदलकर स्पाइनल कॉर्ड को उत्तेजित करता है — यह एक बंद-लूप सिस्टम बनाता है जो रीयल-टाइम, व्यक्तिगत दर्द नियंत्रण प्रदान करता है।

कैसे देता है यह दर्द से राहत?

यह उपकरण स्पाइनल कॉर्ड पर लचीले और मुड़ सकने वाले रूप में लगाया जाता है। यह नर्व सिग्नल्स को दोबारा संतुलित करता है — यानी दर्द पहुंचाने वाले संकेतों को रोककर दर्द की अनुभूति को दबाता है।

प्रयोगों में सफलता

झोउ लैब की टीम ने इस डिवाइस को चूहों पर प्रयोग करके परखा और पाया कि यह क्रॉनिक न्यूरोपैथिक दर्द को प्रभावी रूप से कम करता है, चाहे वह दर्द मैकेनिकल (जैसे सुई चुभोना) हो या थर्मल (जैसे इन्फ्रारेड हीट)।

एक व्यवहारिक परीक्षण में चूहों ने उस स्थान को प्राथमिकता दी जहाँ यह दर्द निवारण प्रणाली सक्रिय थी — यह दर्शाता है कि जानवरों को उस स्थान पर दर्द में राहत महसूस हुई।

क्या है इसका महत्व?

USC के प्रोफेसर और इस परियोजना के प्रमुख शोधकर्ता किफा झोउ ने कहा:"यह डिवाइस वास्तव में खास है क्योंकि यह स्मार्ट, वायरलेस और स्व-संवेदनशील है। हम मानते हैं कि यह पारंपरिक दर्द दवाओं और भारी उपकरणों का स्थान ले सकता है।"

शोधकर्ता उम्मीद कर रहे हैं कि यह तकनीक भविष्य में ऑपिओइड आधारित दर्द निवारण के विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जा सकेगी — जो कि नशे की लत की वैश्विक समस्या से भी निपटने में सहायक हो सकता है।

यह नवाचार चिकित्सा और तकनीक के संगम का एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो आने वाले वर्षों में दर्द प्रबंधन के तरीके को पूरी तरह बदल सकता है।