टेरर फंडिंगः श्रीनगर में कई जगहों पर छापेमारी

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टेरर फंडिंगः श्रीनगर में कई जगहों पर छापेमारी
टेरर फंडिंगः श्रीनगर में कई जगहों पर छापेमारी

 

 

श्रीनगर. जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में शुक्रवार को कई स्थानों पर राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) की छापेमारी चल रही थी. ये छापेमारी टेरर फंडिंग मामले में की गई है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता नईम खान द्वारा दायर जमानत याचिका पर गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया.


नईम खान की जमानत याचिका अधिवक्ता तारा नरूला, तमन्ना पंकज और एस देवव्रत रेड्डी के माध्यम से दायर की गई है. 22 दिसंबर को ट्रायल कोर्ट ने नईम खान को जमानत देने से इनकार कर दिया, ‘‘चूंकि जांच के दौरान एकत्र किए गए आरोपों और सबूतों की प्रकृति के लिए अलग-अलग तथ्यों को साबित करने के लिए सबूतों की आवश्यकता होती है, जिसमें काफी समय लगेगा. ऐसी स्थिति में मुकदमे में देरी की संभावना, मेरे विचार से इस अदालत द्वारा विचार नहीं किया जा सकता है क्योंकि जमानत का प्रश्न गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 43-डी (एस) के तहत एक विशिष्ट शासनादेश द्वारा शासित होता है.’’

 

वर्तमान मामला एनआईए द्वारा आईपीसी की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत दर्ज किया गया था. एनआईए ने आगे कहा कि जांच के दौरान यह भी पता चला कि ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) और अन्य अलगाववादी आम जनता, विशेष रूप से युवाओं को हड़ताल करने और हिंसा का सहारा लेने के लिए भड़काते हैं, विशेष रूप से सुरक्षा बलों पर पथराव करते हैं. यह भारत सरकार के प्रति जम्मू और कश्मीर के लोगों में असंतोष पैदा करने के लिए किया गया था.

 

इस बीच, पहली बार जम्मू पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक आतंकवादी के पास से एक परफ्यूम इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (प्म्क्) बरामद किया है, जो 21 जनवरी को नरवाल में हुए दोहरे विस्फोटों में शामिल था. पुलिस ने आरिफ के रूप में पहचाने गए एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया, जो तीन साल से पाकिस्तानी आकाओं के संपर्क में था.

 

नरवाल में पिछले महीने 20 मिनट के अंतराल में हुए दोहरे विस्फोटों में नौ लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने कहा कि आतंकियों की मंशा ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने की थी. पुलिस के अनुसार, दूसरा आईईडी बड़ा नुकसान कर सकता था, जो आतंकवादियों का इरादा था, अगर पुलिस ने एसओपी का पालन नहीं किया होता.

 

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने घटना के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘20 जनवरी को दो बम लगाए गए थे. 21 जनवरी को 20 मिनट के अंतराल पर अधिक से अधिक लोगों को मारने के लिए दो विस्फोट किए गए थे. पहले आईईडी विस्फोट के बाद 9 लोग घायल हो गए थे. जिस नुकसान का इरादा था, उसके कारण टाला जा सकता था पुलिस द्वारा एसओपी का पालन किया गया. अन्यथा, नुकसान बड़ा हो सकता था, क्योंकि पहला आईईडी छोटा था लेकिन दूसरा आईईडी पहले की तुलना में बहुत बड़ा था. पुलिस ने एक आतंकवादी आरिफ को गिरफ्तार किया है, जो 3 साल से पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में था.’’

 

ब्लास्ट के चश्मदीद शेराली ने इस दर्दनाक घटना के बारे में बताते हुए कहा, ‘‘ब्लास्ट के वक्त हम एक दुकान के अंदर बैठे थे. कार में विस्फोट हो गया और कार के कुछ हिस्से दुकान के पास गिर गए. दूसरा धमाका आधे घंटे बाद कुछ दूरी पर हुआ. शुरू में लोगों को लगा कि यह कार में गैस का धमाका है, लेकिन इसकी आवाज उससे बड़ी थी. यह एक एसयूवी कार थी और मैकेनिक इसकी मरम्मत कर रहे थे. अब दहशत में हूं.’’