सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा : मणिपुर के छात्रों को देश के विभिन्न विश्‍वविद्यालयों में समायोजित करने पर विचार करें

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 29-11-2023
Supreme Court tells Centre: Consider accommodating Manipur students in various universities of the country
Supreme Court tells Centre: Consider accommodating Manipur students in various universities of the country

 

नई दिल्ली.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र और मणिपुर सरकार से पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्ष के कारण विस्थापित हुए छात्रों को विभिन्न केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों में समायोजित करने पर विचार करने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने विस्थापित छात्रों के एक समूह द्वारा दायर याचिका पर यह निर्देश दिया। इन छात्रों ने उनका एक शैक्षणिक वर्ष का नुकसान होने से बचाने की मांग की है.

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा से पहले तो मणिपुर उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा, लेकिन बाद में उनके तर्क को सही माना.

मीनाक्षी ने तर्क दिया कि विस्थापित छात्र देशभर के विभिन्न राज्यों में रह रहे हैं और इन सभी के लिए मणिपुर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता 284 छात्र पहले ही शैक्षणिक वर्ष के मूल्यवान छह महीने खो चुके हैं.

इन छात्रों ने मणिपुर यूनिवर्सिटी एमी वेलफेयर सोसाइटी की मदद से याचिका दायर की है. वरिष्ठ वकील ने कहा कि इन छात्रों की मांग उचित है, क्‍योंकि इसी तरह की राहत केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों में कश्मीर के प्रवासी छात्रों को भी दी गई थी.

केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका में प्रतिवादी के रूप में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.

पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने मेहता और मणिपुर के महाधिवक्ता से याचिका में उठाई गई मांग पर गौर करने को कहा और मामले की सुनवाई के लिए 4 दिसंबर की तारीख तय कर दी.