सुप्रीम कोर्ट: मवेशी तस्करी में एमानुल हक को मिली जमानत

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 24-01-2022
सुप्रीम कोर्ट: मवेशी तस्करी में एमानुल हक को मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट: मवेशी तस्करी में एमानुल हक को मिली जमानत

 

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को करोड़ों रुपए के मवेशी तस्कर घोटाले के मुख्य आरोपी मोहम्मद एमानुल हक को जमानत देते हुए कहा कि उसे और हिरासत में रखे जाने की आवश्यकता नहीं है.


न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंड़पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा हमारा विचार है कि अपीलकर्ता को और हिरासत में रखे जाने की कोई आवश्यकता नहीं है.

 

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने पीठ से इस मामले में हक को जमानत नहीं देने का आग्रह किया क्योंकि मामले की जांच जारी है. लेकिन इस पर पीठ ने कहा कि मामले की जांच खुली नहीं रह सकती है.

 

पीठ ने कहा हम विशेष सीबीआई न्यायाधीश, आसनसोल द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों के अधीन अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा करने का निर्देश देते हैं.

 

इस बीच हक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनका मुवक्किल लंबे समय से हिरासत में है और बीएसएफ कमांडेंट सहित अन्य सभी आरोपियों को जमानत दे दी गई है. उन्होंने इस मामले की जांच करने के लिए सीबीआई के अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर भी सवाल किया, खासकर जब इस मामले में राज्य सरकार ने अपनी सहमति वापस ले ली है.

 

पीठ ने कहा कि इसमें शामिल अपराधों और याचिकाकर्ता को हिरासत में लिए जाने को देखते हुए अब उसकी और हिरासत की आवश्यकता नहीं है. यह भी देखा गया कि याचिकाकर्ता को कोच्चि में अदालत द्वारा पहले ही डिफॉल्ट जमानत दी जा चुकी है और वह नवंबर 2020 से हिरासत में है और आरोप पत्र 2021 में दायर किया गया है.

 

सुनवाई के दौरान, यह भी सामने आया कि हक पर अधिकतम सात साल की कैद की सजा वाले अपराधों का आरोप लगाया गया है.

 

उच्चतम न्यायालय नवंबर 2021 में पारित कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली हक की एक अपील पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उसके खिलाफ गंभीर आरोपों का हवाला देते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी.

 

इस मामले में आरोप लगाया गया था कि पश्चिम बंगाल के रोशनबाग में एक बीएसएफ कमांडेंट ने भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पशु तस्करी की अनुमति देने के लिए हक से रिश्वत स्वीकार की थी. बीएसएफ कमांडेंट को बाद में केरल के एक रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया और उसके पास से 43 लाख रुपये बरामद किए गए थे . यह भी आरोप लगाया गया था कि कमांडेंट के साथ सौदे में हक ने अहम भूमिका निभाई थी.