डूसू चुनाव में मासिक धर्म अवकाश, सुरक्षित परिसर मुख्य मुद्दे

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 15-09-2025
Menstrual leave, safe campus main issues in DUSU elections
Menstrual leave, safe campus main issues in DUSU elections

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में किसी महिला के चुने जाने के लगभग दो दशक बीत चुके हैं, लेकिन इस साल के चुनावों ने इसे फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया है। एनएसयूआई और वामपंथी गठबंधन, दोनों ने महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
 
एनएसयूआई के साथ-साथ वामपंथी गठबंधन की महिला उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार अभियान में विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा और मासिक धर्म अवकाश जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठा रही हैं.
 
कांग्रेस समर्थित नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की जोसलिन नंदिता चौधरी डूसू के अध्यक्ष पद के लिए 17 वर्षों में पहली महिला उम्मीदवार हैं.
 
राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली बौद्ध अध्ययन की स्नातकोत्तर छात्रा चौधरी ने कहा कि वह विश्वविद्यालय के ‘‘वास्तविक मुद्दों’’ को उजागर करने के लिए चुनाव लड़ रही हैं.
 
चौधरी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘मैं एक किसान परिवार से आती हूं और 2019 से दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा रही हूं। मैं छात्रावासों की कमी, पढ़ने के अधिक स्थानों की मांग, स्वच्छ शौचालयों और 12 दिन की मासिक धर्म छुट्टी जैसे मुद्दे उठाने के लिए चुनाव लड़ रही हूं.’’
 
एनएसयूआई की उम्मीदवार ने कहा कि अध्यक्ष के रूप में उनकी दृष्टि में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाना, यौन उत्पीड़न के खिलाफ लैंगिक संवेदनशीलता समिति (जीएससीएएसएच) को मजबूत करना और विश्वविद्यालय परिसर के बुनियादी ढांचे को उन्नत करना शामिल होगा.
 
वहीं, वामपंथी गठबंधन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई)-ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की ओर से अंजलि को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में उतारा गया है.