After the Supreme Court's order on the Waqf Act, Omar Abdullah said, people of one religion are being targeted by this bill
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम के ज़रिए एक धर्म के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिनियम के कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाने के फैसले को सकारात्मक बताया और उम्मीद जताई कि कानून के अन्य विवादित हिस्सों को भी जल्द संबोधित किया जाएगा.
पत्रकारों से बातचीत में अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम कह रहे थे कि इस बिल के ज़रिए एक धर्म के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। अच्छा है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे समझा। यह अच्छा होगा अगर इस अधिनियम के अन्य आपत्तिजनक हिस्सों पर भी ध्यान दिया जाए…’’
इससे पहले सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को पूरी तरह से रोकने से इनकार कर दिया, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को अंतिम निर्णय तक के लिए रोक दिया. मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि संशोधित अधिनियम की कुछ धाराओं को संरक्षण की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने आप विधायक मेहराज मलिक पर लगाई गई पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) की धाराएं वापस लेने और उन्हें जल्द रिहा करने की भी अपील की.उन्होंने कहा, ‘‘उनके खिलाफ पीएसए का मामला वापस लिया जाना चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए.’
मेहराज मलिक, जो जम्मू-कश्मीर के डोडा क्षेत्र से आप के विधायक हैं, को 8 सितंबर को जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट 1978 (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था. यह एक एहतियाती नजरबंदी कानून है, जिसके तहत अधिकारियों को कुछ मामलों में बिना मुकदमा चलाए दो साल तक हिरासत में रखने का अधिकार है.
अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी में राजमार्ग बंद होने के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि यह राजमार्ग केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, अगर यह उनके अधिकार में होता तो वह इसे खोल चुके होते.