गुरुग्राम
गुरुग्रामवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए एक व्यापक एक्शन प्लान तैयार किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के तहत स्वच्छता, सड़क मरम्मत, जल निकासी, आवारा पशुओं के लिए आश्रय, बिजली लाइनों के आसपास पेड़ों की छंटाई व सुरक्षित निपटान और खुले में कचरा जलाने की प्रथा रोकने जैसे कदम उठाए जाएंगे।
बारिश के मौसम में बिजली संबंधी समस्याओं को देखते हुए बिजली विभाग के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियां नवंबर तक रद्द कर दी गई हैं।
यह एक्शन प्लान मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की छह दिवसीय गुरुग्राम यात्रा के दौरान नागरिक समूहों, आरडब्ल्यूए, सामाजिक संस्थाओं और अन्य संगठनों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर तैयार किया गया है।
सोमवार को खुल्लर ने हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (HIPA) में दो सत्र आयोजित कर तय कार्ययोजना और समयसीमा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह योजना पहले गुरुग्राम में लागू होगी और यदि सफल रही तो इसे राज्य के अन्य शहरों में भी “गुरुग्राम मॉडल ऑफ गवर्नेंस” के रूप में अपनाया जाएगा।
पहले सत्र में उन्होंने नगर निगम गुरुग्राम के पार्षदों और महापौर राजरानी मल्होत्रा से मुलाकात की और उनके वार्डों की मुख्य समस्याएं सुनीं। खुल्लर ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गुरुग्राम की समस्याओं को दूर करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और बहुत जल्द सकारात्मक नतीजे दिखने लगेंगे।
दूसरे सत्र में, जिला अधिकारियों से बातचीत में उन्होंने बारिश के दौरान बिजली लाइनों से होने वाली दुर्घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा को निर्देश दिया कि भविष्य में यदि ऐसी कोई घटना होती है तो संबंधित जूनियर इंजीनियर, एसडीओ और कार्यकारी अभियंता के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
उन्होंने बिजली विभाग के सभी अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से फील्ड निरीक्षण करने, बिजली लाइनों की जांच करने और पेड़ों की टहनियों की उचित छंटाई व निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा, विभिन्न समूहों की शिकायतों पर कि गुरुग्राम में बाहर से कचरा लाकर फेंका जा रहा है, खुल्लर ने नगर निगम और पुलिस को ऐसे वाहनों को तुरंत जब्त करने और दोषी एजेंसियों पर मामला दर्ज करने को कहा। साथ ही खुले में कचरा जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने और थाना प्रभारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए।
खुल्लर ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे एक टीम की तरह काम करें और अपने घर से दफ्तर तक के क्षेत्र की जिम्मेदारी खुद लें। उन्होंने जोर दिया कि अधिकारियों को नागरिकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत पहल करनी होगी ताकि इस एक्शन प्लान से जुड़े मुद्दों का प्रभावी समाधान हो सके।