आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे पर एक बार फिर उच्चस्तरीय बातचीत का दौर शुरू हुआ है। इस क्रम में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल से नई दिल्ली में मुलाकात की. यह बैठक दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा तनाव को कम करने और विश्वास बहाली के प्रयासों के लिहाज से अहम मानी जा रही है.
सूत्रों के अनुसार, वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बनाए रखने, सैन्य टकराव से बचने और संवाद की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। अजित डोभाल ने स्पष्ट किया कि सीमा पर स्थिरता और भरोसे का माहौल ही भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने की बुनियाद है. उन्होंने कहा कि जब तक सीमाओं पर तनाव और सैनिकों की तैनाती बनी रहेगी, तब तक द्विपक्षीय संबंधों का सामान्यीकरण संभव नहीं है.
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इस बात पर सहमति जताई कि विवादों का हल केवल बातचीत और शांतिपूर्ण उपायों से ही संभव है. उन्होंने यह भी कहा कि बीजिंग भारत के साथ अपने संबंधों को नए स्तर पर ले जाना चाहता है, लेकिन इसके लिए परस्पर संवेदनशीलता और विश्वास जरूरी है.
इस बैठक को खास इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि हाल के महीनों में सीमा पर कई बार गश्ती गतिविधियों को लेकर विवाद की स्थिति बनी है. हालांकि, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच लगातार संवाद चल रहा है, लेकिन रणनीतिक स्तर पर समाधान की दिशा में यह मुलाकात महत्वपूर्ण कदम है.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारत ने अपनी ओर से यह भी दोहराया कि एलएसी पर यथास्थिति का सम्मान होना चाहिए और किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए.
अब यह देखना अहम होगा कि इस वार्ता से आगे क्या ठोस परिणाम निकलते हैं. विश्लेषकों का मानना है कि सीमा विवाद का समाधान दोनों देशों की राजनीतिक इच्छाशक्ति और आपसी भरोसे पर निर्भर करेगा.