आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन के सार्वजनिक जीवन में किए गए कार्यों की प्रशंसा की और विपक्ष सहित सभी दलों से सर्वसम्मति से उन्हें चुनने की अपील की.
राधाकृष्णन को यहां सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई सहयोगी दलों सहित शीर्ष नेताओं ने सम्मानित किया.
राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन बुधवार को दाखिल कर सकते हैं.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संवाददाताओं को बताया कि मोदी ने अपने संबोधन में विभिन्न दलों, विशेषकर विपक्ष से राधाकृष्णन का समर्थन करने की अपील की ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनका चुनाव सर्वसम्मति से हो.
मोदी ने तमिलनाडु के अनुभवी भाजपा नेता एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल राधाकृष्णन का राजग सांसदों से परिचय कराया और उनके लंबे सार्वजनिक जीवन जिक्र किया, जिसमें उन्होंने विभिन्न पदों पर कुशलतापूर्वक कार्य किया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में सिंधु जल संधि का मुद्दा भी उठाया और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की संसद या अपने मंत्रिमंडल को विश्वास में लिए बिना पाकिस्तान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए आलोचना की.
सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि नेहरू ने देश के हित की परवाह किए बिना अपनी छवि चमकाने के लिए ऐसा किया था.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को 80 प्रतिशत से अधिक जल का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है.
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद मोदी सरकार ने इस संधि को स्थगित कर दिया है.
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार उस दौर के पापों को धो रही है.
मोदी ने कहा कि बाद में नेहरू ने अपने एक सहयोगी से कहा कि उन्हें विश्वास था कि यह समझौता पाकिस्तान के साथ अन्य मुद्दों को सुलझाने में मदद करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.