असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग में हालात सामान्य हो रहे; प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 26-12-2025
Situation returning to normal in Assam's West Karbi Anglong; protesters to meet Chief Minister
Situation returning to normal in Assam's West Karbi Anglong; protesters to meet Chief Minister

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 असम के वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में हालात अब सामान्य हो रहे हैं और हाल में हिंसा की कोई नयी घटना नहीं हुई है। इस मामले में राज्य सरकार, स्वायत्त परिषद और प्रदर्शनकारी शुक्रवार को गुवाहाटी में त्रिपक्षीय बैठक करेंगे।
 
प्रभावित क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू है। इस सप्ताह की शुरुआत में हुई हिंसा में दो लोग मारे गए थे और पुलिसकर्मी सहित कई अन्य घायल हुए थे।
 
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘स्थिति अब सामान्य है। हालांकि, प्रभावित क्षेत्रों में निषेधात्मक आदेश, रात्रि कर्फ्यू और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन अब भी लागू है।’’
 
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हिंसा की कोई नयी घटना दर्ज नहीं की गई है और इलाके में सेना, त्वरित कार्य बल (आरएएफ) एवं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तैनात हैं।
 
जिले का सबसे अधिक प्रभावित खेरोनी क्षेत्र बिहार, बंगाल और नेपाल से आए लोगों के साथ-साथ कार्बी समुदाय के लोगों का भी घर है।
 
पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिले में जनजातीय क्षेत्रों में हिंदी भाषी लोगों द्वारा ग्राम चारागाह रिजर्व (वीजीआर) और व्यावसायिक चारागाह रिजर्व (पीजीआर) भूमि पर अतिक्रमण के आरोपों को लेकर कार्बी समुदाय और बिहार के लोगों के बीच विवाद जारी है।
 
इस बीच, राज्य सरकार, कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) और प्रदर्शनकारियों के बीच शुक्रवार को गुवाहाटी में बैठक होने वाली है। अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा और केएएसी प्रमुख तुलिराम रोंघांग बैठक में शामिल होंगे।
 
कार्बी समुदाय के प्रदर्शनकारी 15 दिन से भूख हड़ताल पर थे और वे कथित अवैध निवासियों, जिनमें ज्यादातर बिहार से हैं, को वीजीआर और पीजीआर भूमि से निष्कासित करने की मांग कर रहे थे। ये भूमि दोनों जिलों, कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग में स्थित हैं।
 
पुलिस द्वारा सोमवार तड़के प्रदर्शन स्थल से तीन प्रदर्शनकारियों को ले जाने के बाद वे हिंसक हो गए। बाद में प्रशासन ने दावा किया कि वह इन तीन प्रदर्शनकारियों को अस्पताल में भर्ती कराने के उद्देश्य से ले गई थी।