शिकागो. सिंधी फाउंडेशन ने पाकिस्तान में सिंधी समुदाय के अधिकारों की मांग के लिए शिकागो में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें हिंदू लड़की प्रिया कुमारी की दुर्दशा, मानवाधिकारों के हनन और कथित जनगणना में हेराफेरी को उजागर किया गया.
सिंधी फाउंडेशन की मांगों में सबसे आगे पाकिस्तान के सिंध प्रांत में तीन साल पहले अपहृत सिंधी हिंदू नाबालिग प्रिया कुमारी की तत्काल रिहाई है. उसे लगातार बंधक बनाए रखना सिंधी हिंदू समुदाय के सामने आने वाले व्यापक मुद्दों का प्रतीक है.
फाउंडेशन ने पाकिस्तान में सिंधियों के खिलाफ चल रहे मानवाधिकार हनन की ओर भी ध्यान आकर्षित किया. सिंधी फाउंडेशन के अनुसार, ये हनन राज्य प्रायोजित हैं, जिनका उद्देश्य इस्लाम और उर्दू भाषा के पक्ष में समाज को एकरूप बनाना है. इसने सिंधी हिंदुओं के लिए लगातार कठिन परिस्थितियाँ पैदा की हैं, जिसके कारण भूमि पर कब्जा, जबरन गायब होना और न्यायेतर हत्याएँ हो रही हैं.
सिंधी फाउंडेशन ने दावा किया कि सिंधी हिंदुओं के खिलाफ अपराध पाकिस्तान में एक व्यापक राज्य प्रायोजित एजेंडे का हिस्सा हैं. उन्होंने दावा किया कि सरकार की नीतियों का उद्देश्य गैर-मुस्लिम समुदायों को हाशिए पर डालना और उर्दू भाषी इस्लामी पहचान को बढ़ावा देना है. सिंधी फाउंडेशन ने प्रिया कुमारी की सुरक्षित वापसी सहित अपनी मांगों के पूरा होने तक अपना विरोध जारी रखने की कसम खाई है.
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से सिंधियों के खिलाफ मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद होने तक पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता को निलंबित करने का आह्वान किया है. शिकागो में विरोध प्रदर्शन सिंधी फाउंडेशन द्वारा किए जाने वाले प्रदर्शनों की श्रृंखला का हिस्सा है,जिसका उद्देश्य पाकिस्तान में सिंधी समुदाय की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना है.
ये भी पढ़ें : दिल्ली-गाज़ीपुर बॉर्डर : बिलाल अंसारी की अगुवाई में कावड़ यात्रियों के लिए अमन कमेटी की अनूठा पहल
ये भी पढ़ें : जमीयत उलेमा-ए-हिंद और धर्मनिरपेक्ष संविधान की स्थापना की कहानी
ये भी पढ़ें : उमर सुभानी : स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक
ये भी पढ़ें : 'मन तड़पत हरी दर्शन को': मो. रफ़ी की मधुर आवाज़ की यादें आज भी ताजा