कर्नाटक
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने बुधवार को लेखिका बानू मुश्ताक को उनके कन्नड़ लघु कथा संग्रह के लिए अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने पर बधाई दी.
उनकी उपलब्धि की सराहना करते हुए सीएम ने कहा, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कन्नड़ की महानता का झंडा बुलंद किया है.
लेखिका, कार्यकर्ता और वकील मुश्ताक की लघु कथा संग्रह 'हृदय दीपा' (हार्ट लैंप) मंगलवार रात लंदन में प्रतिष्ठित GBP 50,000 अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली कन्नड़ पुस्तक बन गई.
मुश्ताक ने टेट मॉडर्न में आयोजित एक समारोह में दीपा भास्थी के साथ पुरस्कार ग्रहण किया, जिन्होंने पुस्तक का कन्नड़ से अंग्रेजी में अनुवाद किया.
सिद्धारमैया ने 'एक्स' पर लिखा, "साहित्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने पर गौरवान्वित कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक को हार्दिक बधाई. यह कन्नड़, कन्नड़ और कर्नाटक का जश्न मनाने का समय है." उन्होंने कहा कि इस भूमि के सद्भाव, धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे के सच्चे मूल्यों को मूर्त रूप देते हुए लिखने वाली बानू मुश्ताक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कन्नड़ की महानता का झंडा बुलंद किया है और हम सभी को सम्मान दिलाया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं कामना करता हूं कि वह कई और वर्षों तक सार्थक लेखन करती रहें और कन्नड़ की भाषा को दुनिया भर में फैलाती रहें."
उन्होंने कहा, "सभी कन्नड़ लोगों की ओर से मैं प्रतिभाशाली लेखिका दीपा भस्ती को भी बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने अपनी बुकर पुरस्कार विजेता कृति 'हृदय दीपा' का अंग्रेजी में अनुवाद किया है."
केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भी 'एक्स' की लेखिका की प्रशंसा की.
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, "यह सभी कन्नड़ लोगों के लिए गर्व का क्षण है. हमारे राज्य की गौरवशाली लेखिका बानू मुश्ताक को हार्दिक बधाई, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बुकर साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है." कुमारस्वामी ने कहा, "इस बुकर पुरस्कार विजेता कृति का अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए लेखिका दीपा भस्ती को भी बधाई. मुझे उम्मीद है कि बानू मुश्ताक ऐसी और भी बेहतरीन कृतियाँ लिखेंगी. कन्नड़ साहित्य जगत उनके द्वारा समृद्ध हो और कन्नड़ की खुशबू दुनिया भर में फैले." दुनिया भर की छह पुस्तकों में से चुनी गई मुश्ताक की कृति ने पारिवारिक और सामुदायिक तनावों को दर्शाने वाली अपनी "मजाकिया, जीवंत, बोलचाल की, मार्मिक और तीखी" शैली के कारण निर्णायकों को आकर्षित किया.