दूरदर्शी स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और राष्ट्र-निर्माता थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी : आदित्यनाथ

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 23-06-2025
Shyama Prasad Mukherjee was a visionary freedom fighter, educationist and nation-builder: Adityanath
Shyama Prasad Mukherjee was a visionary freedom fighter, educationist and nation-builder: Adityanath

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
 
मुख्यमंत्री ने मुखर्जी को 'भारत माता का महान सपूत', एक दूरदर्शी नेता और एक ऐसा कट्टर राष्ट्रवादी बताया जिसने अखंड भारत के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया. आदित्यनाथ ने संघ के विचारक मुखर्जी के "बलिदान दिवस" के अवसर पर लखनऊ में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में भाग लिया.
 
उनके साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वरिष्ठ नेता दिनेश शर्मा और कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी शामिल हुए. आदित्यनाथ ने कहा, "आज भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष और भारत माता के महान सपूत डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है. वर्ष 1953 में आज ही के दिन उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी.
 
मुख्यमंत्री ने मुखर्जी को "दूरदर्शी स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और राष्ट्र निर्माता" बताते हुए स्वतंत्र भारत में कैबिनेट मंत्री के रूप में देश के औद्योगिक और खाद्य नीति को आकार देने में उनकी भूमिका का जिक्र किया. आदित्यनाथ ने दावा किया कि मुखर्जी ने खासकर कश्मीर के मुद्दे पर राष्ट्रीय अखंडता से समझौता करने के प्रयासों का विरोध करते हुए जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखर्जी ने उस समय जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और परमिट प्रणाली का कड़ा विरोध किया था. उन्होंने कहा, "जब 1950 में संविधान लागू हुआ और 1952 के चुनावों के बाद अनुच्छेद 370 लागू किया गया तो मुखर्जी ने अपनी आवाज़ बुलंद की और 'एक राष्ट्र, एक नेता, एक कानून की बात की. मुखर्जी को बिना परमिट के कश्मीर में प्रवेश करते समय गिरफ्तार किया गया और 23 जून 1953 को हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, "एकीकृत भारत के उनके सपने को साकार करने में 65-66 साल लग गए। आखिरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया गया.
 
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर अब भारत के संवैधानिक मूल्यों के साथ जुड़ गया है और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण को साकार कर रहा है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म छह जुलाई 1901 को हुआ था. वह बैरिस्टर और शिक्षाविद् थे। वह 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति बने। उन्होंने कुछ समय के लिए बंगाल के वित्त मंत्री और बाद में नेहरू मंत्रिमंडल में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया, 1950 में दिल्ली समझौते के कारण उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद उन्होंने 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना की और इसके पहले अध्यक्ष बने। साल 1952 में वे संसद में पहुंचे. 23 जून, 1953 को कश्मीर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए जाने के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में उनका निधन हो गया था.