मुंबई
आगामी 15 जनवरी को होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव से पहले शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को अपने दलों के गठबंधन की घोषणा की। दोनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह गठबंधन महाराष्ट्र और मराठी मानुष के हित में किया गया है।
उद्धव और राज ठाकरे चचेरे भाई हैं और परिवार के सामाजिक तथा राजनीतिक योगदान को लेकर दोनों दलों के बीच साझा इतिहास रहा है। उद्धव ने बताया कि उनके दादा प्रबोधनकर ठाकरे और उनके पिता बाल ठाकरे तथा राज के पिता श्रीकांत ठाकरे ने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी और यह सुनिश्चित किया कि मुंबई राज्य का हिस्सा बना रहे।
गठबंधन के दौरान बीएमसी में सीट बंटवारे की विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई। राज ठाकरे ने कहा कि महापौर मराठी होगा और वह गठबंधन की ओर से आएगा। दोनों नेताओं ने नासिक नगर निगम और राज्य के अन्य 27 नगर निगमों में भी चुनाव के लिए गठबंधन की जानकारी दी और बताया कि अन्य नगर निकायों में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अभी जारी है।
संवाददाता सम्मेलन वर्ली के एक होटल में आयोजित किया गया, जो शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे का निर्वाचन क्षेत्र है। सम्मेलन से पहले दोनों नेताओं ने शिवाजी पार्क में बाल ठाकरे की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। सम्मेलन में दोनों नेताओं के परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे।
गठबंधन का राजनीतिक महत्व भी स्पष्ट है। पिछले विधानसभा चुनाव में शिवसेना (उबाठा) ने 288 में से केवल 20 सीटें जीती थीं, जबकि मनसे को कोई सफलता नहीं मिली थी। दोनों दलों ने राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में त्रि-भाषा फॉर्मूला लागू करने और हिंदी भाषा थोपने के फैसले का विरोध करने के लिए पहले भी मिलकर अभियान चलाया था।
उद्धव और राज ने स्पष्ट किया कि दोनों दल भाजपा के शासन और नीतियों को चुनौती देने के लिए मराठी समुदाय और महाराष्ट्र के हित में एकजुट हुए हैं। यह गठबंधन बीएमसी चुनाव में महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने जा रहा है।