शिमला शाही परिवार की सदस्य का राहुल बोस पर आरोप, चुनाव लड़ने के लिए ‘फर्जी डोमिसाइल’ लिया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 10-12-2025
Shimla royal family member accuses Rahul Bose of obtaining a fake domicile to contest elections
Shimla royal family member accuses Rahul Bose of obtaining a fake domicile to contest elections

 

शिमला (हिमाचल प्रदेश)

शिमला की जुब्बल शाही परिवार की सदस्य और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता दिव्या कुमारी जुब्बल ने अभिनेता राहुल बोस पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका दावा है कि राहुल बोस ने फर्जी हिमाचली डोमिसाइल प्रमाणपत्र बनवाकर हिमाचल प्रदेश रग्बी फुटबॉल यूनियन चुनावों में व्यक्तिगत लाभ लेने की कोशिश की।

दिव्या कुमारी ने एएनआई से बातचीत में कहा,"हमने दो वर्षों तक ईमानदारी से हिमाचल में रग्बी को विकसित करने का काम किया। राहुल बोस ने हमें भरोसा दिया था कि राज्य संघ को मान्यता मिलते ही मैं इसका नेतृत्व करूंगी। हमने चार जिलों—शिमला, कुल्लू, सिरमौर और सोलन—में यूनिट बनाई, टीमें तैयार कीं और अपने खर्चे पर खिलाड़ियों को राष्ट्रीय आयोजनों तक भेजा।"

उन्होंने कहा कि IRFU ने उन्हें राज्यभर में खेल को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया था।"हिमाचल रग्बी से जुड़े हर फैसले में मुझे शामिल किया गया क्योंकि IRFU ने हमें ही अधिकृत जिम्मेदार माना था," उन्होंने कहा।

24 सितंबर 2025 का डोमिसाइल सवालों के घेरे में

दिव्या कुमारी के अनुसार, राहुल बोस ने 24 सितंबर 2025 को हिमाचल डोमिसाइल लिया, जिसमें दावा किया गया कि वह 16 वर्षों से कसौली के निवासी हैं।दिव्या पूछती हैं,"राहुल बोस मुंबई के हैं, वहीं से चुनाव भी लड़ चुके हैं। उनका आधार और पासपोर्ट भी मुंबई का है। तो अचानक वह हिमाचली कैसे बन गए?"

उनका आरोप है कि यह प्रमाणपत्र IRFU चुनावों में हिमाचल से प्रत्याशी बनने की पात्रता पाने के लिए लिया गया। "उन्हें पता था कि इस बार महाराष्ट्र से नामांकन नहीं मिलेगा, इसलिए हिमाचल से लड़ने के लिए फर्जी डोमिसाइल बनवाया गया," उन्होंने कहा।

नई हिमाचल रग्बी संस्था पर भी सवाल

दिव्या ने आरोप लगाया कि 18 अक्टूबर 2025 को बिना चुनाव, बिना जिला प्रतिनिधित्व और बिना ऑडिटेड खातों के नई हिमाचल रग्बी एसोसिएशन बनाई गई।"सिर्फ आठ दिनों में, 26 अक्टूबर को उसे स्थायी मान्यता भी दे दी गई, ताकि राहुल बोस अपना नामांकन दाखिल कर सकें।"उन्होंने कहा कि असली काम करने वाले लोगों को दरकिनार कर सब कुछ गुपचुप तरीके से किया गया।

“खेल नहीं… यह चुनाव योजना थी”

दिव्या ने कहा,"हमारे खिलाड़ी और उनके माता-पिता पूछ रहे थे कि हमें राज्य की मान्यता क्यों नहीं मिल रही। हम IRFU पर भरोसा करते रहे, लेकिन यह खेल विकास नहीं, चुनाव की योजना निकली।"उन्होंने कहा कि इस मामले से पूरे हिमाचल रग्बी समुदाय का भरोसा टूट गया है और अब मामला हाई कोर्ट में है।

“सेलेब्रिटी कानून से ऊपर नहीं”—दिव्या की दो टूक

दिव्या कुमारी ने कहा,"हमने सारे प्रमाण हाई कोर्ट में जमा कर दिए हैं। सेलेब्रिटी कानून से ऊपर नहीं हैं। हिमाचली खिलाड़ियों के लिए न्याय मिलना ही हमारी मांग है।"उन्होंने डोमिसाइल जारी करने की प्रक्रिया की जाँच की मांग करते हुए कहा,
"एक बाहरी व्यक्ति को इतनी आसानी से हिमाचली डोमिसाइल कैसे मिल गई? यह नियम सबके लिए समान हैं। इसकी जांच होनी ही चाहिए।"

दिव्या ने कहा कि न्यायपालिका से उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह हिमाचल के युवाओं के लिए सही फैसला करेगी।