भारत–ब्रुनेई पहली संयुक्त कार्यकारी समूह बैठक , रक्षा सहयोग को मिलेगा नया आयाम

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 10-12-2025
India-Brunei hold first Joint Working Group meeting, take defence cooperation to new heights
India-Brunei hold first Joint Working Group meeting, take defence cooperation to new heights

 

नई दिल्ली

भारत और ब्रुनेई के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पहली संयुक्त कार्यकारी समूह (Joint Working Group – JWG) बैठक बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित की गई। यह बैठक दोनों देशों के रक्षा संबंधों को एक संरचित और संस्थागत ढांचे में आगे बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वार्ता का केंद्र बिंदु सैन्य-से-सैन्य संपर्क बढ़ाना, संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम, तथा समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना था—विशेषतः समुद्री यातायात सुरक्षा, मानवीय सहायता (HADR) और आपदा प्रबंधन पर। दोनों पक्षों ने क्षमता निर्माण की पहल को आगे बढ़ाने और रक्षा उद्योगों के बीच साझेदारी व तकनीकी सहयोग के नए अवसर तलाशने पर भी सहमति व्यक्त की।

बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से अमिताभ प्रसाद, संयुक्त सचिव (रक्षा मंत्रालय) और ब्रुनेई की ओर से पो कुई चुन, डिप्टी परमानेंट सेक्रेटरी (रक्षा मंत्रालय) ने की।चर्चाओं की शुरुआत से पहले दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने Terms of Reference (ToR) पर हस्ताक्षर किए, जिसके साथ ही JWG की औपचारिक स्थापना हो गई। मंत्रालय के अनुसार, यह हस्ताक्षर रक्षा सहयोग के एक समन्वित और संस्थागत चरण की शुरुआत का संकेत है।

JWG एक आधिकारिक मंच के रूप में कार्य करेगा जो मौजूदा पहलों की प्रगति की समीक्षा करेगा और सहयोग के लिए नए क्षेत्रों की पहचान करेगा। दोनों देशों ने रक्षा संबंधों में बढ़ती गति पर संतोष व्यक्त किया और JWG ढांचे के तहत एक व्यवस्थित रोडमैप को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। साथ ही, भारत और ब्रुनेई ने इंडो-पैसिफिक में शांति, स्थिरता और नियम-आधारित व्यवस्था के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई।

दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान, ब्रुनेई की डिप्टी परमानेंट सेक्रेटरी पो कुई चुन ने नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से भी मुलाकात की। इसके अलावा, उन्होंने हाल ही में उद्घाटित DPSU भवन का दौरा किया, जहाँ देश के सभी 16 रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों की क्षमताओं और नवाचार प्रयासों को प्रदर्शित किया गया है।