कोटा (राजस्थान)
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पूर्व नेता और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के संस्थापक अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार को कहा कि भारत की सुरक्षा हिंदू समाज की बहुसंख्यक उपस्थिति से जुड़ी हुई है। वे कोटा शहर के रंगबाड़ी क्षेत्र में आयोजित हिंदू धर्म सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य, आयोजकों के अनुसार, देश को “बांटने” और हिंदू संस्कृति को “कमज़ोर या नष्ट करने” की कथित साजिशों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना और समुदाय के भीतर एकता को मजबूत करना था।
अपने संबोधन में तोगड़िया ने कहा कि प्राचीन परंपरा और ऐतिहासिक मान्यता के अनुसार हिंदू समाज हजारों वर्षों से अस्तित्व में है और इसके सांस्कृतिक व सामाजिक मूल्य भारत की पहचान की नींव हैं। उन्होंने कहा कि समाज तभी सुरक्षित और सशक्त रह सकता है, जब उसकी आंतरिक एकता बरकरार रहे।
तोगड़िया ने आर्थिक और व्यावसायिक मज़बूती को भी हिंदू समाज के लिए आवश्यक बताया। उनके अनुसार,"अगर हिंदुओं का पतन होगा, तो उन्हें ही नुकसान उठाना पड़ेगा।"उन्होंने समुदाय से संगठित रहने, पारस्परिक सहयोग बढ़ाने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।
अपने भाषण में तोगड़िया ने यह भी कहा कि जिस भूमि पर “जौहर” जैसी ऐतिहासिक त्रासद घटनाएँ हुई थीं, वहां भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति को दोबारा जन्म लेने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने इसे हिंदू समाज के आत्म-सम्मान और सुरक्षा से जुड़ा प्रश्न बताया।
सम्मेलन में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों, धार्मिक कार्यकर्ताओं और संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आयोजकों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का लक्ष्य समाज में जागरूकता बढ़ाना और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा को लेकर एक साझा संकल्प तैयार करना है।