काशी तमिल संगमम 4.0 डेलीगेशन के कई सदस्य अयोध्या पहुंचे; तमिलनाडु के छात्रों ने "दिव्य" यात्रा पर खुशी जताई

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 05-12-2025
Several members of Kashi Tamil Sangamam 4.0 delegation reach Ayodhya; Tamil Nadu students express joy on
Several members of Kashi Tamil Sangamam 4.0 delegation reach Ayodhya; Tamil Nadu students express joy on "divine" visit

 

अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
 
काशी तमिल संगमम 4.0 में हिस्सा लेने वाले तमिलनाडु के 212 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को अपने सांस्कृतिक आउटरीच दौरे के तहत राम मंदिर जाने के लिए अयोध्या पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य हरि ने कहा, "हम तमिलनाडु के छात्र हैं। आज हम अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन करने आए हैं। मुझे यहां बहुत अच्छा लग रहा है। यह मेरा पहला मौका है।" उन्होंने कहा, "आज पीएम मोदी की वजह से हमें यहां आने का मौका मिला। मैं बहुत खुश हूं..." प्रतिनिमंडल ने इससे पहले वाराणसी में काशी तमिल संगमम 4.0 के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया था, जो पारंपरिक वैदिक रीति-रिवाजों के साथ आयोजित किया गया था और इसमें लोगों ने उत्साह से भाग लिया था। इस कार्यक्रम का मकसद उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है।
 
एक छात्र ने कहा, "हमें काशी में बहुत प्यार मिला। यहां के लोगों की सादगी और आध्यात्मिकता ने हमें बहुत प्रभावित किया है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं, जिनकी वजह से हम यह ऐतिहासिक यात्रा कर पाए।" छात्रों ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर जाने की भी इच्छा जताई। उनके अनुसार, उत्तर भारत में इन महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों का दौरा करने से उनकी सांस्कृतिक समझ बढ़ेगी।
 
इसके अलावा, प्रतिभागियों ने कहा कि वे कल होने वाले एकेडमिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। उन्हें उम्मीद है कि वे इतिहास, कला, भाषा और साहित्य पर महत्वपूर्ण सत्रों में भाग लेकर बहुत कुछ सीखेंगे। छात्रों का कहना है कि यह संगम न केवल सांस्कृतिक बातचीत का एक माध्यम है, बल्कि शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की एक अनोखी पहल भी है।
 
काशी तमिल संगमम 4.0 भारत के विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों को एक साथ लाने के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करता है। यह कार्यक्रम यह संदेश देता है कि भले ही भारत की विभिन्न भाषाएं, संस्कृतियां और समुदाय भूगोल के हिसाब से अलग-अलग हों, लेकिन उनकी भावनाएं और विरासत गहराई से जुड़ी हुई हैं।