Semicon Mission 2.0: Focus will be on chipsets made in India and indigenous IP - Ashwini Vaishnav
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि भारत के सेमिकॉन मिशन के अगले चरण में अब पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन किए गए चिपसेट और स्वदेशी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार इस दिशा में पूरी उत्पाद विकास श्रृंखला को बढ़ावा देगी और ऐसे उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्हें भारतीय कंपनियाँ डिज़ाइन करें और जिनके IP अधिकार भारत में ही रहें.
केंद्रीय मंत्री ने यह घोषणा सेमिकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन के मौके पर की, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि “वह दिन दूर नहीं जब भारत में बने छोटे-से-छोटे चिप्स दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएँगे। भले ही हमने इस क्षेत्र में देर से शुरुआत की हो, लेकिन अब हमें कोई नहीं रोक सकता.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सेमिकॉन 2.0 के लिए मंत्रालय वित्त मंत्रालय और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श कर रहा है। यह नया चरण सेमिकॉन 1.0 से मिली उपलब्धियों और अनुभव पर आधारित होगा। याद रहे कि पहले चरण में सरकार ने सेमिकंडक्टर और डिस्प्ले निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के लिए 76,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था.
उन्होंने कहा कि अब इस मिशन के दायरे को और व्यापक बनाया जाएगा। इसमें ऑटोमोबाइल, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल टेक्नोलॉजी, डिफेंस और स्ट्रैटेजिक सेक्टर जैसे सभी क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही उपकरण निर्माताओं, मटीरियल मैन्युफैक्चरर्स और अन्य इकोसिस्टम पार्टनर्स को भी सरकार भरपूर सहयोग देगी.