स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर ‘Sardar@150’ का भव्य समापन

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 06-12-2025
 Statue of Unity
Statue of Unity

 

गांधीनगर

भारत के लौहपुरुष, पहले गृहमंत्री और भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘Sardar@150 राष्ट्रीय एकता पदयात्रा’ का समापन शनिवार को एकता नगर स्थित विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर हुआ। यह पदयात्रा 11 दिनों पहले सरदार पटेल के जन्मस्थान करमसद से शुरू हुई थी और आनंद, वडोदरा तथा नर्मदा जिलों के ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों से गुजरते हुए एकता नगर पहुंची।

समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि यह पदयात्रा भारत की अमर और अदम्य भावना का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि यह अभियान एक ऐसा मंच बन गया है जो देश के लोगों और आत्मा को जोड़ता है—एकता, कर्तव्य और राष्ट्रनिर्माण के मूल्यों को सशक्त बनाता है।

“560 रियासतों का विलय सरदार पटेल की दूरदृष्टि का परिणाम”

उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरदार पटेल ने अपने अद्वितीय नेतृत्व और संकल्प के बल पर 560 से अधिक रियासतों को एकजुट कर आधुनिक भारत की नींव रखी। उन्होंने कहा,
“सरदार पटेल का योगदान पीढ़ियों तक याद रहेगा। उनके नेतृत्व ने अखंड भारत का सपना साकार किया।”

उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए बताया कि देशभर में 1,300 से अधिक पदयात्राओं में 14 लाख से अधिक युवाओं की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि सरदार पटेल द्वारा जगाई गई एकता की ज्योति अभी भी प्रज्वलित है।

सरदार पटेल—किसान संस्कृति और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक

राधाकृष्णन ने सरदार पटेल के उस संदेश को याद किया—
“कृषि हमारी संस्कृति है, और यही हमारी पहचान की जड़ है।”
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा और भारत को एकीकृत एवं मजबूत बनाने का सपना साकार किया।

गुजरात—गांधी, पटेल और मोदी की धरती

उपराष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात वह भूमि है जिसने:

  • महात्मा गांधी को जन्म दिया, जिन्होंने दुनिया को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया

  • सरदार पटेल को जन्म दिया, जिन्होंने राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोया

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया, जिन्होंने विकास को राष्ट्रीय आंदोलन बना दिया

उन्होंने कहा कि आज भारत अर्थव्यवस्था, सामाजिक विकास, कूटनीति, रक्षा और रणनीति के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है।

‘विकसित भारत 2047’ की ओर एक कदम

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने जिस तीव्र गति से आत्मनिर्भरता, नवाचार और विकास को अपनाया है, वह सरदार पटेल की परिकल्पना के अनुरूप है।
उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने, अनुशासन अपनाने और एक भारत, श्रेष्ठ भारत, सशक्त भारत के निर्माण में योगदान देने की अपील की।

गवर्नर और मुख्यमंत्री ने भी सरदार पटेल को दी श्रद्धांजलि

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि बारडोली सत्याग्रह ने सरदार पटेल को राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित किया। किसानों को संगठित कर अंग्रेजों के कर-वृद्धि आदेश का मुकाबला करने का साहस सरदार पटेल ने ही दिखाया।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष राष्ट्रीय गौरव का उत्सव बन गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाकर “वन नेशन, वन लॉ, वन कॉन्स्टिट्यूशन” के सपने को पूरा किया और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर सरदार को सच्ची श्रद्धांजलि दी।

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा—“यह विचारों की यात्रा है”

मांडविया ने बताया कि उन्होंने स्वयं करमसद से एकता नगर तक अंतिम 150 किलोमीटर की पदयात्रा में हिस्सा लिया। इस यात्रा में हजारों युवाओं, महिलाओं और किसानों ने भाग लेकर एकता, आत्मनिर्भरता और प्राकृतिक खेती का संदेश दिया।