आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य निर्वाचन आयोग से 14 दिसंबर को होने वाले जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाने का शनिवार को आग्रह किया। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने में ‘‘धमकी और व्यवस्थित बाधा’’ का सामना करना पड़ रहा है।
विपक्ष के नेता बाजवा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री ओ पी सोनी के साथ यहां राज्य निर्वाचन आयुक्त राज कमल चौधरी से मुलाकात की और आरोप लगाया कि विपक्षी उम्मीदवारों के नामांकन पत्र फाड़े गए और छीन लिए गए तथा उन्हें चार दिसंबर को सरकारी कार्यालयों में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जो नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन था।
बाजवा ने एक कथित ऑडियो क्लिप का मुद्दा भी उठाया और दावा किया कि पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वरुण शर्मा कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने से रोकने की कथित तौर साजिश रचते हुए पर सुने गए।
बैठक के बाद बाजवा ने कहा, ‘‘जब लोकतंत्र की रक्षा की ज़िम्मेदारी संभालने वाले ही इसको नुकसान पहुंचाने में भागीदार बन जाते हैं, तो पूरी चुनावी व्यवस्था की विश्वसनीयता खतरे में पड़ जाती है।"
उन्होंने आयोग को बताया कि कई उम्मीदवारों को कथित तौर पर अवैध रूप से हिरासत में लिया गया, रास्ते में रोका गया, उठा लिया गया या निर्धारित समय पर उपस्थित होने के बावजूद उन्हें केंद्रों तक पहुँचने से जबरन रोका गया।
बाजवा ने दावा किया कि कई वीडियो में स्पष्ट रूप से उपद्रवियों को नामांकन पत्र लेकर भागते और विभिन्न स्थानों पर हिंसक झड़पें होती दिख रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चूंकि ये घटनाएं आखिरी दिन हुईं, इसलिए प्रभावित उम्मीदवारों को अपना नामांकन पत्र दोबारा दाखिल करने का कोई अवसर नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि इस तरह की बाधा संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से चार दिसंबर को नामांकन पत्र वैध तरीके से जमा करने से रोकने वाली कथित छीना-झपटी, उसे फाड़ने और बाधा डालने की घटनाओं के मद्देनजर नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाने का आग्रह किया।