आरएसएस लीडर इंद्रेश कुमार का दावा, महंगाई से कहीं अधिक बढ़ी खरीदारी की क्षमता

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-05-2024
RSS leader Indresh Kumar claims purchasing power has increased more than inflation
RSS leader Indresh Kumar claims purchasing power has increased more than inflation

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने विकास, देश में बढ़ते इन्फ्रास्ट्रक्चर, चौतरफा सुविधाओं, महंगाई और लोगों की परचेजिंग कैपेसिटी पर विस्तार से चर्चा की. उनका कहना है कि आज देश गांधी- नेहरू के समय से कहीं अधिक तरक्की कर चुका है. पहले मकान और गलियां कच्ची होती थीं. यातायात के लिए बैलगाड़ी और साइकिल तथा रोशनी के नाम पर लालटेन, लैंप और दीए हुआ करते थे. आज हर तरफ विकास की चकाचौंध है.
 
इंद्रेश कुमार ने पिछले 2 महीने में देश भर में अनेकों सर्वधर्म समभाव, महिला, युवा, मुस्लिम, आदिवासी, दलित, ईसाई आदि सभाओं में लाखों लोगों को इस संदर्भ में संबोधित किया. देश में सरकार की जागरूकता के कारण अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं.

उन्होंने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी, कर्नाटक से लेकर उत्तर प्रदेश, पंजाब हरियाणा से लेकर गुजरात, उड़ीसा से लेकर महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश से लेकर मध्यप्रदेश तक पचासियों बैठकें कर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया है.

इंद्रेश कुमार ने बताया कि देश में ऐतिहासिक, धार्मिक, पौराणिक स्थानों को नई पहचान मिली है जिससे टूरिज्म और रोजगार में वृद्धि हुई है. एक समय सरकारी रोजगार से 3 करोड़ 50 लाख लोग जुड़े थे,आज बढ़ कर 5 करोड़ और गैर सरकारी रोजगार से 50 करोड़ लोग जुड़े , जिनकी संख्या अब 80 करोड़ पहुंच चुकी है.

स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा दिए जाने के कारण आज लाखों युवा पुरुष एवं महिलाएं जीविकोपार्जन के लिए स्वरोजगार से जुड़े हैं.मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक ने 1950 के दशक और आज के समय को याद करते हुए कहा कि एक समय था जब लोगों के पास परचेजिंग क्षमता नहीं थी.

उस समय तो देश में सड़कों के नाम पर कच्ची और गड्ढों वाली सड़कें होती थीं. यातायात के रूप में बैलगाड़ी, तांगा (घोड़ा गाड़ी) और यदा कदा बस हुआ करती थीं. पतंतु आज की हकीकत यह है कि लोग तरह तरह की कार, अच्छे मकान, सोना और अन्य भौतिक एवं लक्जरी वस्तुएं आराम से खरीद पा रहे हैं.

आज गांव गांव में पक्की सड़कें हैं और एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ने के लिए चार से आठ लेन तक की रोड हैं. आज गांव में बैलगाड़ी, साइकिल, मोटरसाइकिल, स्कूटर के साथ साथ बस, जीप और कार भी है. बिजली लगभग हर समय होती है. संघ नेता ने कहा कि अब सड़क, रेल, मेट्रो, और हवाई यात्राओं के संसाधनों में कई सौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस क्रम में देश से लेकर विदेश तक टूरिज्म भी बढ़ा है.

इंद्रेश कुमार ने कहा कि 70 साल पहले जहां हाथ से झुलाने वाले पंखे होते थे वहां आज इलेक्ट्रिक फैन, कूलर और एयर कंडीशंड (AC) ने जगह ले ली है. पहले ब्लैक & व्हाइट टीवी मुश्किलों से दिखता था, आज बड़े LED और स्मार्ट टीवी ने घरों में स्थान ले लिया है. सुसाइटियों और अपार्टमेंटों में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जेनसेट और सोलर पैनल मौजूद हैं.

इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत के विकास को इस तरह भी समझा जा सकता है कि एक समय देश में कुल आठ (8) ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) था, आज 23 हैं. 17 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) थे, जो आज वो भी बढ़ कर 23 हो गए हैं.

एक समय देश में सिर्फ 11 ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंस (IIMS) थे, बढ़ कर 21 पहुंच चुके हैं. यह सभी देन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासशील और प्रगतिशील सरकार की है.जहां तक महंगाई और खरीदने की क्षमता का प्रश्न है, वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार का कहना है कि एक समय मात्र 60 रुपया तोला सोना खरीद पाना असम्भव लगता था, लेकिन आज सोने का भाव 74 हजार रुपया है.

फिर भी शादी ब्याह और विभिन्न अवसरों पर ज्वैलरी की दुकान में भीड़ जमा रहती है. 70 वर्षों पहले किसी की तनखाह 60 रुपए से 200 रुपए के बीच होती थी. आज लोगों की शुरुवाती सैलेरी 10 हजार होती है और बढ़ कर 2- 3 लाख तक पहुंच जाती है.

 इसी प्रकार परचेजिंग कैपेसिटी अर्थात खरीदने की क्षमता कई गुना बढ़ गई है. दूसरी तरफ, इंदिरा गांधी के कार्यकाल में फ़िल्म रोटी कपड़ा और मकान का गाना देश भर में प्रसिद्ध हुआ था, ”हाय रे महंगाई मार गई".... इसी प्रकार मनमोहन सिंह के शासन में गाना आया था, "महंगाई डायन खाए जात है."

इंद्रेश कुमार ने कहा कि तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था और विकास की गाथा बीजेपी शासित केंद्र सरकार के कारण ही हुई है जिसमें कोई स्कैम, रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार नहीं है. हालाकि इंद्रेश कुमार ने माना कि अभी बहुत कुछ डेवलप होना है, विकास और विस्तार की कोई सीमा नहीं होती है.

 यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए.  इसके लिए महत्वपूर्ण यह है कि देश की बागडोर अनुभवी, अनुशासित और व्यवस्थित हाथ में हो. आज देश भयमुक्त, भूखमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त आत्महत्यामुक्त और दंगामुक्त भारत है.
 इंद्रेश कुमार ने कहा कि आज एक उम्मीद बनी है कि देश सही रास्ते की तरफ़ चल पड़ा है, एक बेहतर और उज्जवल भविष्य मिलेगा.

उन्होंने कहा कि ऐसा विश्वास मिलता है, देश का भविष्य सुरक्षित हाथों में है इसलिए देश विकास करता जाएगा.