मुंबई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, केंद्र ने कुल 27,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (पुनर्निर्गम) की घोषणा की है. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि नीलामी को दो चरणों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें 2029 में परिपक्व होने वाली 6.75 प्रतिशत सरकारी प्रतिभूति (जीएस) पर 15,000 करोड़ रुपये और 2054 में परिपक्व होने वाली 7.09 प्रतिशत जीएस पर 12,000 करोड़ रुपये शामिल होंगे. इसके अतिरिक्त, केंद्र के पास उपरोक्त प्रतिभूतियों के विरुद्ध 2,000 करोड़ रुपये तक की सदस्यता बनाए रखने का विकल्प होगा. "पुनर्निर्गम" का अर्थ है कि आरबीआई प्रतिभूति बाजार में पहले से उपलब्ध एक बांड की अधिक बिक्री कर रहा है.
यह कदम सरकार के नियमित उधार कार्यक्रम का हिस्सा है. नीलामी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आयोजित की जाएगी, तथा नीलामी के लिए बोलियाँ 20 जून, 2025 को भारतीय रिज़र्व बैंक केयर बैंकिंग समाधान (ई कुबेर) प्रणाली पर इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में प्रस्तुत की जानी चाहिए. "गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियाँ सुबह 10:30 बजे से 11:00 बजे के बीच प्रस्तुत की जानी चाहिए तथा प्रतिस्पर्धी बोलियाँ सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे के बीच प्रस्तुत की जानी चाहिए."
नीलामी का परिणाम भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर 20 जून, 2025 को डाला जाएगा तथा सफल बोलीदाता को 23 जून, 2025 को अर्थात पुनः जारी करने की तिथि को भुगतान करना होगा. इसके अलावा, मूल जारी करने की तिथि से प्रतिभूतियों के नाममात्र मूल्य पर ब्याज अर्जित होगा अथवा अंतिम कूपन भुगतान का भुगतान छमाही आधार पर किया जाएगा. परिपक्वता तिथि पर प्रतिभूतियों का सममूल्य पर पुनर्भुगतान किया जाएगा.
इस महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक ने भी भारत सरकार की दो दिनांकित प्रतिभूतियों को फिर से जारी करने की घोषणा की थी, जिनकी कुल कीमत 32,000 करोड़ रुपये है. ये दोनों प्रतिभूतियाँ 18 नवंबर, 2039 को परिपक्व होने वाली 6.92 प्रतिशत सरकारी प्रतिभूति (जीएस) और 15 अप्रैल, 2065 को परिपक्व होने वाली 6.90 प्रतिशत जीएस पर फिर से जारी की गई हैं. इनमें से प्रत्येक बांड 16,000 करोड़ रुपये में जारी किया जाएगा.