रविशंकर प्रसाद ने सदन में कांग्रेस को याद दिलाया 'इतिहास', बोले 'तब शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट का पलटा था फैसला'

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 02-04-2025
Ravi Shankar Prasad reminded Congress of 'history' in the House, said 'At that time the Supreme Court had overturned the decision in the Shah Bano case'
Ravi Shankar Prasad reminded Congress of 'history' in the House, said 'At that time the Supreme Court had overturned the decision in the Shah Bano case'

 

नई दिल्ली
 
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान शाहबानो केस का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला. 
 
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "वक्फ की प्रॉपर्टी पर कितने स्कूल खुले, कितने अनाथालय बने, कितने सिलाई केंद्र बने, यह सवाल है. आज वक्फ की प्रॉपर्टी की फंडिंग बढ़ाने और उनके समाज को आगे बढ़ाने के लिए कुछ हो रहा है तो विपक्ष को इससे क्या परेशानी है. दिल से तो कह रहे हैं कि सुधार हो, लेकिन राजनीतिक इच्छा इन्हें रोकती है."
 
उन्होंने कहा, "शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि शाहबानो को मुआवजा दिया जाए, तो हल्ला मचा, तब राजीव गांधी पीएम थे. बहुमत था. आरिफ मोहम्मद खान सरकार में मंत्री थे. दो दिन ऐतिहासिक भाषण हुआ. राजीव गांधी ने उन्हें बुलाया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदलने के लिए कानून ला रहे हैं. तीन तलाक पर फैसला आया. 2 साल तक इनकी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब नहीं फाइल किया, ताकि फैसला अटका रहे. राजीव गांधी को 400 सीट मिली और शाहबानो में वे झुक गए. उसके बाद आज तक कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला. देश की हवा कहां चल रही है, आप समझिए. पीएम मोदी को एक बार बहुमत मिला, दूसरी बार बहुमत मिला. तीसरी बार लोगों ने जिता दिया, दिल्ली भी जिता दिया और अब बिहार भी जीतेंगे."
 
उन्होंने कहा, "आज मैं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बारे में बात करना चाहता हूं. जब सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के मामले की सुनवाई चल रही थी, तो बोर्ड ने कोर्ट से कहा था कि, 'आप फैसला मत दीजिए, हम एक निकाहनामा बनाकर पूरे देश में प्रसारित करेंगे, जिसमें लिखा होगा कि निकाह करते समय एक शर्त यह भी रखी जाएगी कि तीन तलाक न हो.' याद कीजिए, जब कानून पास हुआ था, तो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक कानून के खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा किया था."
 
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, "मैं विपक्ष की बात सुन रहा था, वह कह रहे थे कि वक्फ बिल में संशोधन होना चाहिए, लेकिन नहीं भी होना चाहिए. ये कैसे हो सकता है. आजकल एक लाल किताब चल रही है. हम संविधान की हरी किताब लेकर आए हैं. संविधान में लिखा है कि महिलाओं के विकास के लिए कानून बनाया जा सकता है. संविधान की दुहाई का जवाब मैं संविधान से ही दे रहा हूं."
 
उन्होंने आगे कहा, "महिलाओं के लिए संशोधन किया जा रहा है तो यह बिल असंवैधानिक कैसे है? मैं बिहार से आता हूं, वहां बहुत सारे पिछड़े मुसलमान हैं. यूपी में भी हैं. उन्हें वक्फ मैनेजमेंट में मौका नहीं मिलता. इस बिल में इसका जिक्र है कि वक्फ में पिछड़े मुसलमानों को जगह दी जाएगी तो इन्हें परेशानी क्यों है?"
 
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का काम किया. चुनाव हुआ तो एक भी हिंसा की घटना नहीं हुई. जहां पाकिस्तान के झंडे लहराते थे, वहां तिरंगा लहरा रहा है. भारत माता की जय बोला जा रहा है. वोट बैंक की राजनीति के लिए यह देश किस हद तक गिर सकता है? नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जानबूझकर जो बवाल मचाया गया था, उसे याद कीजिए. विदेशों में उत्पीड़न का सामना करने वाले हिंदू, सिख और ईसाइयों को भारत लाया गया. इसका भारतीय मुसलमानों पर कोई असर नहीं हुआ, फिर भी बेवजह हंगामा मचाया गया. अब एक बार फिर गुमराह करने और अशांति पैदा करने की कोशिश की जा रही है. अब वोटों की सौदागरी बंद होगी क्योंकि समय बदल रहा है.