पाकिस्तानी नागरिकों का विरोध प्रदर्शन "हताश उकसावे" वाला: पुर्तगाल स्थित भारतीय दूतावास

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 19-05-2025
Protests by Pakistani citizens a
Protests by Pakistani citizens a "desperate provocation": Indian Embassy in Portugal

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
पुर्तगाल में भारतीय दूतावास ने कहा है कि उसने भारतीय चांसरी भवन के पास पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन का "ऑपरेशन सिंदूर के साथ दृढ़ता से जवाब दिया" और विरोध प्रदर्शन को "हताश उकसावे" के रूप में वर्णित किया. दूतावास ने रविवार को पुर्तगाल सरकार और उसके पुलिस अधिकारियों को दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. दूतावास द्वारा साझा की गई तस्वीरों में भारतीय चांसरी भवन पर पोस्टर दिखाई दे रहे हैं, जिस पर संदेश लिखा है, "ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है." 
 
पुर्तगाल में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "भारत के दूतावास @IndiainPortugal ने हमारे चांसरी भवन के पास पाकिस्तान द्वारा आयोजित कायरतापूर्ण विरोध प्रदर्शन का 'ऑपरेशन सिंदूर' के साथ दृढ़ता से जवाब दिया. हम पुर्तगाल सरकार और उसके पुलिस अधिकारियों को दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं. भारत ऐसे हताश उकसावे से नहीं डरेगा. हमारा संकल्प अडिग है." पुर्तगाल में भारत के राजदूत पुनीत रॉय कुंडल ने कहा कि दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन का जवाब "एक मौन लेकिन मजबूत और दृढ़ संदेश के साथ मिला, ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है."
 
"दूतावास के बाहर पाकिस्तान द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन का जवाब हमारी तरफ से एक मौन लेकिन मजबूत और दृढ़ संदेश के साथ मिला, "ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है". दूतावास के सभी अधिकारी इस दृष्टिकोण पर अडिग थे," पुनीत रॉय कुंडल ने एक्स पर पोस्ट किया.
 
https://x.com/prkundal/status/1924151946581053676
इससे पहले 16 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि 'ऑपरेशन सिंदूर' अभी खत्म नहीं हुआ है और जो कुछ भी हुआ वह सिर्फ एक "ट्रेलर" था.
 
भुज एयरफोर्स स्टेशन पर वायु सैनिकों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, "हमने पाकिस्तान को प्रोबेशन पर रखा है. अगर उसका व्यवहार सुधरता है तो ठीक है, नहीं तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. जो कुछ भी हुआ वह सिर्फ एक ट्रेलर था. जब सही समय आएगा, हम दुनिया को पूरी तस्वीर दिखाएंगे." 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. 
 
भारत की यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए. भारत की कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी की और साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमलों का प्रयास किया, जिसके बाद भारत ने एक समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के एयरबेसों में रडार इंफ्रास्ट्रक्चर, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया. 10 मई को, भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त करने पर सहमति बनी.