पुरी
री में 27 जून की रात को रथ यात्रा रोक दिए जाने के बाद शनिवार को श्रद्धालुओं ने नए उत्साह के साथ भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को खींचना शुरू कर दिया।
रथों को शुक्रवार की शाम तक देवताओं की मौसी माने जाने वाले गुंडिचा मंदिर पहुंचना था। लेकिन भगवान बलभद्र का तलध्वज रथ एक मोड़ पर फंस गया, जिससे अन्य दो रथ आगे नहीं बढ़ पाए।
देवताओं के रथों को कड़ी सुरक्षा के बीच रात भर सड़क पर ही रखा गया।
'जय जगन्नाथ' के नारे के बीच शनिवार सुबह करीब 10 बजे रथ खींचने का काम फिर से शुरू हुआ।
पवित्र नगरी में रात बिताने वाले हजारों श्रद्धालु घंट-घड़ियाल और शंख की ध्वनि के बीच रथ खींचने में बड़ी संख्या में शामिल हुए।
रथ अब गुंडिचा मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं, जो 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर से लगभग 2.6 किमी दूर है।