मणिपुर: राष्ट्रपति शासन के बाद हिंसा में गिरावट, मादक पदार्थों की जब्ती में वृद्धि

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 29-06-2025
Manipur: Violence drops after President's rule, drug seizures rise
Manipur: Violence drops after President's rule, drug seizures rise

 

इंफाल

मणिपुर में फरवरी 2025 से राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद से राज्य में हिंसा की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है, वहीं मादक पदार्थों की जब्ती में भी भारी बढ़ोतरी देखी गई है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मणिपुर पुलिस, असम राइफल्स और अन्य अर्द्धसैनिक बलों की टीमें मई 2023 में भड़की हिंसा के दौरान पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए हजारों हथियारों को बरामद करने के लिए लगातार अभियान चला रही हैं।

हालांकि स्थिति में सुधार के संकेत मिले हैं, लेकिन सुरक्षा बलों के सामने अब भी सबसे बड़ी चुनौती अवैध हथियारों की बरामदगी और घाटी-आधारित प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की जबरन वसूली और छोटे अपराधों पर रोकथाम है।

अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में मीतेई संगठन अरंबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं पर की गई सख्ती से राज्य के कुछ हिस्सों में शांति की बहाली में मदद मिली है। इस संगठन पर कुकी समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काने और घाटी में बड़े पैमाने पर अराजकता फैलाने के आरोप हैं।

हाल ही में मणिपुर पुलिस और सीबीआई की संयुक्त कार्रवाई में संगठन के प्रमुख नेता और बर्खास्त पुलिस हेड कांस्टेबल असीम कानन सिंह को चार साथियों समेत गिरफ्तार किया गया। सिंह कई मामलों में वांछित था, जिनमें पिछले वर्ष मणिपुर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर हुए हमले का मामला भी शामिल है।

इस गिरफ्तारी के बाद संगठन ने खुद को सड़कों पर हो रही हिंसात्मक गतिविधियों से अलग कर लिया।

अधिकारियों ने बताया कि 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद से अब तक केवल एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई है, जबकि 3 मई 2023 से लेकर राष्ट्रपति शासन लागू होने तक कुल 260 मौतें दर्ज की गई थीं।

इसी तरह, पिछले चार महीनों में केवल 29 लोग घायल हुए, जबकि मई 2023 से अब तक 1,776 लोग हिंसा में घायल हो चुके थे। 13 फरवरी से 26 जून के बीच न तो कोई आगजनी की घटना हुई और न ही किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा, जबकि इससे पहले ऐसी 17,000 से अधिक घटनाएं सामने आई थीं।

मादक पदार्थों के खिलाफ चल रहे अभियान में भी बड़ी सफलता मिली है। इस अवधि में एनडीपीएस एक्ट के तहत 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस और सुरक्षाबलों ने इस दौरान 24.4 किलोग्राम हेरोइन, 25.7 किलोग्राम ब्राउन शुगर, 31.8 किलोग्राम अफीम और 379 किलोग्राम से अधिक गांजा जब्त किया है।

हालांकि, अब भी बड़ी संख्या में अवैध हथियार बरामद नहीं हो सके हैं। राष्ट्रपति शासन के बाद से नए हथियारों की चोरी की कोई रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन मई 2023 में लूटे गए करीब 6,020 हथियारों में से बड़ी संख्या में हथियार बरामद या स्वेच्छा से सौंपे गए हैं। पिछले चार महीनों में ही 2,390 हथियार जब्त किए गए हैं, जिनमें कई लूटे गए हथियार शामिल हैं।

इसके अलावा, सुरक्षा बलों ने हाल ही में 63 अवैध बंकरों को ध्वस्त किया है। मई 2023 से अब तक कुल 548 अवैध बंकरों को नष्ट किया जा चुका है।

जबरन वसूली से जुड़े मामलों में भी कार्रवाई तेज हुई है। पिछले चार महीनों में 336 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मई 2023 से अब तक कुल 601 ऐसे गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ), पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), कांगलेई याओल कंबा लुप (केवाईकेएल) और पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलीपाक (पीआरईपीएके) जैसे प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियों में फिर से तेजी आई है।

अधिकारियों का कहना है कि ये समूह जबरन वसूली के अलावा वैवाहिक और संपत्ति विवादों में 'बाहरी अदालतों' के जरिए फैसले कर रहे हैं। मणिपुर पुलिस ने हाल ही में ऐसे एक समूह पर छापेमारी कर कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।