राजस्थान: सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 छात्रों की मौत, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 25-07-2025
Rajasthan: 7 students died due to collapse of roof of government school, administration accused of negligence
Rajasthan: 7 students died due to collapse of roof of government school, administration accused of negligence

 

झालावाड़ (राजस्थान)

राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना ब्लॉक स्थित पीपलोदी गांव के एक सरकारी स्कूल में शुक्रवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान स्कूल की छठी और सातवीं कक्षा की छत का हिस्सा अचानक ढह गया, जिससे सात छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई और 28 अन्य छात्र घायल हो गए।

घटना के समय बच्चे स्कूल परिसर में एकत्र हो रहे थे। छत गिरते ही स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। शिक्षकों, अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए मलबे में दबे बच्चों को बाहर निकालना शुरू किया।

पुलिस को सुबह करीब 7:45 बजे सूचना दी गई। मनोहरथाना थाने के प्रभारी नंद किशोर ने बताया कि मृतकों में कुंदर, कान्हा, रैदास, अनुराधा और बादल भील सहित पांच बच्चों की पहचान हो गई है। घायलों को झालावाड़ जिला अस्पताल और मनोहरथाना के स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा:“झालावाड़ में एक विद्यालय की छत गिरने से कई विद्यार्थियों की मृत्यु और घायल होने का समाचार अत्यंत दुखद है। मेरी प्रार्थना है कि ईश्वर शोक संतप्त परिजनों को यह पीड़ा सहन करने की शक्ति दें। मैं घायल बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर गहरा दुख जताते हुए लिखा:

“झालावाड़ में स्कूल हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। घायल बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रशासन हरसंभव मदद कर रहा है।”

स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप

गांव के एक निवासी बालकिशन ने बताया कि स्थानीय लोगों ने पहले ही तहसीलदार और उपखंड अधिकारी को स्कूल की जर्जर स्थिति के बारे में सूचित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

एक अन्य निवासी ने दावा किया कि प्रशासनिक मदद पहुँचने से पहले ही लोगों ने बच्चों को मलबे से निकालकर निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया।

प्रशासन और सरकार का जवाब

झालावाड़ के जिला कलेक्टर अजय सिंह ने बताया कि प्रशासन ने हाल ही में शिक्षा विभाग को सभी जर्जर स्कूल भवनों की सूची सौंपने का निर्देश दिया था, लेकिन यह भवन उस सूची में शामिल नहीं था।
उन्होंने कहा,“हम इसकी गहन जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी हादसे पर गहरा शोक प्रकट किया। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा:

“घटना अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए गए हैं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें।”

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हादसे की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी और घायलों का इलाज सरकारी खर्च पर किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचने और राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

विपक्ष का सरकार पर हमला

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखा:“झालावाड़ में स्कूल की इमारत गिरने की घटना दुखद है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि जनहानि कम हो और घायल शीघ्र स्वस्थ हों।”

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी इस घटना पर शोक जताया और सरकार से जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की।

यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि क्या सरकारी स्कूलों की संरचनात्मक सुरक्षा को लेकर समय रहते कदम उठाए जाते हैं? प्रशासन की लापरवाही से सात मासूम बच्चों की जान चली गई, और दर्जनों परिवारों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई।