Rajasthan: Govt employee arrested on allegations of spying, sent to 7-day police custody over Pakistan's ISI links
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
राजस्थान की एक अदालत ने पाकिस्तान की आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में राज्य खुफिया विभाग द्वारा मंगलवार को गिरफ्तार किए गए शकूर खान को मामले की जांच के लिए सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. अधिकारियों के अनुसार, उस पर पाकिस्तान के आईएसआई एजेंटों के साथ सूचना एकत्र करने और साझा करने का आरोप है.
जैसलमेर में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्यरत आरोपी शकूर खान पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को रणनीतिक जानकारी लीक करने का आरोप है. अधिकारियों के अनुसार, वह संदिग्ध गतिविधियों के कारण लंबे समय से निगरानी में था. विशेष लोक अभियोजक सुदेश कुमार सतवान ने कहा, "शकूर खान, जो एक सरकारी कर्मचारी है, को कुछ राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया है. अदालत ने 7 दिन की पुलिस हिरासत मंजूर की है.
जांच के बाद, हम उसे फिर से अदालत में पेश करेंगे. कुछ पाकिस्तानी फोन नंबरों की जांच की जा रही है." पुलिस महानिरीक्षक (सीआईडी सुरक्षा) विष्णु कांत गुप्ता ने पुष्टि की कि खान लंबे समय से निगरानी में था. गुप्ता ने कहा कि शकूर खान की गतिविधियां लंबे समय से संदिग्ध थीं. इस वजह से सुरक्षा एजेंसियां उस पर कड़ी नजर रख रही थीं.
निगरानी के दौरान पता चला कि शकूर खान पाकिस्तान दूतावास में काम करने वाले कुछ लोगों, खास तौर पर अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश और सोहेल कमर के लगातार संपर्क में था. गौरतलब है कि दानिश को भारत सरकार पहले ही 'अवांछित व्यक्ति' घोषित कर वापस पाकिस्तान भेज चुकी है.
जयपुर में सेंट्रल इंटेरोगेशन सेंटर में पूछताछ के दौरान खान ने कबूल किया कि वह दानिश की मदद से वीजा हासिल करने के लिए कई बार पाकिस्तान गया था. पाकिस्तान में रहते हुए उसने कथित तौर पर आईएसआई एजेंटों से मुलाकात की.
अधिकारियों ने खुलासा किया कि भारत लौटने पर उसने रणनीतिक जानकारी एकत्र की और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके उसे पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजा. जैसलमेर में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर खान के पास संवेदनशील दस्तावेजों तक पहुंच थी, जिससे आंतरिक सुरक्षा को लेकर बड़ी चिंताएं पैदा हो गई थीं.
उसके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में आगे की जांच अभी जारी है.
एक अन्य घटना में, काउंटर-इंटेलिजेंस-पंजाब से प्राप्त सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, तरनतारन पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में मोहल्ला रोडूपुर, गली नाजर सिंह वाली, तरनतारन निवासी गगनदीप सिंह को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना की गतिविधियों से संबंधित संवेदनशील जानकारी साझा करते हुए पाकिस्तान आईएसआई और गोपाल सिंह चावला के संपर्क में था.
जांच में पता चला कि वह सेना की तैनाती और रणनीतिक स्थानों सहित वर्गीकृत विवरण साझा करने में लगा हुआ था, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा था. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गगनदीप सिंह पिछले पांच वर्षों से पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला के संपर्क में था, जिसके माध्यम से उसे पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव (पीआईओ) से मिलवाया गया था. उसने भारतीय चैनलों के माध्यम से पीआईओ से भुगतान भी प्राप्त किया. अन्य संबंधों का पता लगाने और इस जासूसी नेटवर्क के पूर्ण दायरे को स्थापित करने के लिए गहन वित्तीय और तकनीकी जांच चल रही है.