नई दिल्ली
उत्तर भारत में भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तराखंड में अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई, वहीं हिमाचल प्रदेश में एक वाहन के खाई में गिरने से तीन लोगों की जान चली गई।
उत्तर प्रदेश के 13 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। गंगा, यमुना और बेतवा जैसी प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं।
उत्तराखंड में हालात गंभीर
हल्द्वानी के पास भाखड़ा नदी की तेज धारा में एक व्यक्ति बह गया। वहीं, रविवार को हल्द्वानी रोड के भुजियाघाट इलाके में उफनती नदी में दो अन्य लोग डूब गए।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, रुद्रप्रयाग में रात के समय भूस्खलन से मलबा और पत्थर गिरने के कारण दो दुकानें दब गईं।
देहरादून में रातभर भारी बारिश के चलते प्रशासन ने सोमवार को सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखने का आदेश दिया। हरिद्वार में गंगा और काली नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।
हिमाचल प्रदेश में हादसे और नुकसान
मंडी जिले में एक वाहन फिसलकर गहरी खाई में गिर गया, जिससे तीन लोगों – देवरत, मंगल चंद और आशु – की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। यह हादसा रविवार देर रात मगरूगला और मझवाल के बीच सैनी नाले के पास हुआ, जब पांच लोग शंकरदेहरा से घर लौट रहे थे।
बारिश के कारण राज्य में 310 सड़कों पर यातायात बंद कर दिया गया है, जिसमें एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल है। शिमला के उपनगर पंथाघाटी में भूस्खलन से मेहली-शोगी बाईपास पर ट्रैफिक बाधित हो गया और आसपास की दुकानों को नुकसान पहुंचा।
मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार के लिए राज्य के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।अब तक हिमाचल में मानसून से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 103 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 लोग लापता हैं।
राजस्थान में हवाई सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भारी बारिश के कारण सवाई माधोपुर जिले में बाढ़ जैसे हालात का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने चकेरी, जड़ावता, अजनोटी, मैनपुरा, धनौली और सुरवाल गांवों का दौरा किया और खंडार क्षेत्र में क्षतिग्रस्त बोदल पुलिया का निरीक्षण भी किया।
उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि सभी जरूरी सहायता बिना किसी देरी के प्रदान की जाए और लोगों को अधिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
राज्य के पूर्वोत्तर हिस्सों में अगले दो से तीन दिनों तक मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर
राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर और बलिया जिलों में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यमुना नदी औरैया, कालपी, हमीरपुर, प्रयागराज और बांदा जिलों में खतरे के निशान को पार कर चुकी है। हमीरपुर में बेतवा नदी भी उफान पर है।
राज्य में रविवार को औसतन 14.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि 24 जिलों में भारी वर्षा हुई।प्रयागराज, जालौन, औरैया, मिर्जापुर, वाराणसी, कानपुर देहात, बांदा, इटावा, फतेहपुर, कानपुर नगर और चित्रकूट में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।