शिमला
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में गुरुवार सुबह हुए भूस्खलन से बड़ा हादसा हो गया। कुल्लू के अखाड़ा बाजार इलाके में दो मकान ढह गए, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य लोग मलबे में दब गए। राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
यह हादसा सुबह करीब 6 बजे हुआ। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, जिनमें एक महिला भी शामिल है। वहीं, एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया है।
NDRF के सहायक कमांडेंट संतोष ने जानकारी दी, "हम पहले से पास के एक स्थान पर कार्यरत थे, इसलिए 10 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंच गए और समय रहते तीन लोगों को बचा लिया गया। मलबे में दबे बाकी छह लोगों की तलाश अभी भी जारी है।"
इससे पहले मंगलवार रात को भी इसी क्षेत्र में मकान ढहने की एक और घटना हुई थी, जिसमें NDRF के एक जवान समेत दो लोगों की जान चली गई थी। उस घटना के बचाव कार्य अभी भी चल रहे थे कि गुरुवार को नया भूस्खलन हो गया।
कुल्लू के उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से जिले के कई इलाकों में भूस्खलन हो रहा है। उन्होंने कहा, "बारिश के कारण राहत एवं बचाव कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन हमारी टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।"
घायलों में से एक, राधिका सांख्यान, जो बचाव के दौरान निकाली गईं, ने बताया कि जब भूस्खलन हुआ, तब वे रसोई में चाय बना रही थीं। उन्होंने कहा, "रसोई का दरवाजा गिर गया और मैं बर्तनों व मलबे के नीचे दब गई।"
राज्य में सड़कों की स्थिति भी चिंताजनक है। स्योथल गांव के पास एक सड़क धंस जाने के कारण सोलन के शामती बाईपास को बंद कर दिया गया है। लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता रवि कपूर ने बताया कि सड़क में गंभीर दरारें आ गई हैं और यात्रा करना असुरक्षित हो गया है।
खराब मौसम को देखते हुए राज्य सरकार ने सात सितंबर तक सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज, आंगनवाड़ी केंद्र और कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार:
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1292 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी (294), कुल्लू (226), शिमला (216), चंबा (204) और सिरमौर (91) प्रमुख हैं।
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राष्ट्रीय राजमार्ग-3, 5, 21, 205, 305 और 505 विभिन्न स्थानों पर अवरुद्ध हैं।
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2809 बिजली ट्रांसफार्मर और 1081 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
शिमला-कालका रेलमार्ग पर भी भूस्खलन हुआ है, जिससे इस मार्ग की सभी ट्रेनें शुक्रवार तक रद्द कर दी गई हैं।
पिछले 24 घंटों में धर्मपुर में 74.6 मिमी, करसोग में 69 मिमी, कसौली में 67 मिमी, नैना देवी में 58.6 मिमी, भुंतर में 55.6 मिमी और बिलासपुर में 50.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में:
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95 बार अचानक बाढ़,
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45 बार बादल फटने, और
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127 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
अब तक वर्षाजनित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 343 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 43 लोग लापता हैं। राज्य को मानसून से अब तक करीब ₹3,690 करोड़ का नुकसान हो चुका है।
हिमाचल प्रदेश इस समय एक गंभीर प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है, लेकिन प्रशासन, राहत टीमें और स्थानीय लोग मिलकर हर चुनौती का सामना करने में जुटे हैं।