पंजाब बाढ़: फिरोजपुर में गांव जलमग्न, स्वयंसेवक कर रहे हैं मदद का अनूठा प्रयास

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 04-09-2025
Punjab flood: Villages submerged in Ferozepur, volunteers are making a unique effort to help
Punjab flood: Villages submerged in Ferozepur, volunteers are making a unique effort to help

 

फिरोजपुर (पंजाब)

पंजाब के फिरोजपुर जिले में सतलुज नदी में आई भीषण बाढ़ के कारण कई गांव पानी में डूब गए हैं। लेकिन संकट की इस घड़ी में हजारों स्वयंसेवक राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, जो मानवीय सेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं।

हबीब गांव में 2,000से अधिक स्वयंसेवक रेत से भरे बोरे, रस्सियां और अपने नंगे हाथों से लगातार बढ़ते जलप्रवाह से बांध को टूटने से बचाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। यह जद्दोजहद चार दिनों से लगातार जारी है। स्वयंसेवकों के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से आए ग्रामीण भी सेना के इंजीनियरों और जल निकासी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर बांध को सुरक्षित बनाए रखने में जुटे हैं।

स्थानीय ठेकेदार रतन सिंह सैनी ने कहा, "असली हीरो वे लोग हैं जो रेत के बोरे और खाना लेकर आ रहे हैं। उन्हीं की हिम्मत के बल पर बांध अब तक टिका हुआ है।"

स्थिति उस समय और गंभीर हो गई जब हरिके हेडवर्क्स बैराज से 3.30लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो पिछले साल 2023की बाढ़ से 40,000क्यूसेक अधिक था।

भारी बारिश, बादल फटने, और भाखड़ा व पोंग बांध से छोड़े गए पानी के कारण सतलुज नदी ने माखू उपमंडल के मनु माछी गांव के पास आरजी तटबंध तोड़ दिया, जिससे चक मनु माछी, जमालीवाला, गट्टा डाल्लर और तीबी जैसे गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए।

हालांकि प्रशासन ने समय रहते लोगों को सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन सैकड़ों एकड़ फसलें बर्बाद हो गईं और कई मकान ढह गए। फिरोजपुर के 111गांव और फाजिल्का के 77 गांव अब तक बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। करीब 60,000लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 6,000से अधिक लोग पहले ही विस्थापित हो चुके हैं।

बीएसएफ के जवान सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ के बावजूद गश्त जारी रखे हुए हैं, लेकिन आम लोगों पर इसका गहरा असर पड़ा है। हामद चक गांव के 58वर्षीय दिहाड़ी मज़दूर हरमीश सिंह अपने ढहे हुए घर के मलबे के पास खड़े होकर बोले, "सालों की मेहनत से यह घर बनाया था, अब सब खत्म हो गया।"

गांव रुकने वाला, पचाड़िया और गट्टा बादशाह में ग्रामीण चौबीसों घंटे जलस्तर पर नज़र रख रहे हैं। राज्य में 1988 के बाद की सबसे भीषण बाढ़ का सामना किया जा रहा है। अब तक 37लोगों की जान जा चुकी है और 23जिलों में करीब 1.75लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।

प्रशासन ने सेना, एनडीआरएफ, बीएसएफ, पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में तैनात कर दी हैं। फाजिल्का की उपायुक्त अमरप्रीत कौर संधू ने लोगों से तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा कि हरिके से छोड़ा गया 3.11लाख क्यूसेक पानी अभी और संकट ला सकता है।

फाजिल्का में 12 राहत शिविर सक्रिय हैं, जहां 1,498 लोग रह रहे हैं और 2,422 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। वहीं फिरोजपुर की उपायुक्त दीप्तिशिखा शर्मा ने बताया कि 3,400 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और राहत शिविरों में उन्हें भोजन, दवाएं और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने फिरोजपुर में पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए अपनी सांसद निधि से ₹5करोड़ की राशि देने की घोषणा की है।यह आपदा जहां एक ओर पीड़ा लेकर आई है, वहीं दूसरी ओर मानवता, सहयोग और सेवा की भावना की मिसाल भी बन गई है।