इंफाल
मणिपुर में मेइती संगठन अरम्बाई तेंगोल के एक वरिष्ठ नेता की गिरफ्तारी की खबरों के बाद राज्य के कई हिस्सों में तनाव फैल गया है। विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए शनिवार देर रात इंफाल घाटी के पांच जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई, जबकि बिष्णुपुर जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगाया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने नेता की रिहाई की मांग करते हुए क्वाकीथेल और उरीपोक इलाकों में सड़कों को जाम कर दिया और बीच सड़क पर टायर व पुराने फर्नीचर जलाकर प्रदर्शन किया। हालात रविवार सुबह तक भी तनावपूर्ण बने रहे।
राजधानी इंफाल में राजभवन की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। इंफाल पश्चिम के जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि पुलिस अधीक्षक ने सार्वजनिक शांति और कानून-व्यवस्था के उल्लंघन की गंभीर आशंका जताई है, जिससे जनजीवन व संपत्तियों को खतरा है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163(2) के तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने और लाठी, पत्थर, आग्नेयास्त्र या धारदार हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
शनिवार रात को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं। खुरई लामलोंग (इंफाल पूर्व) में एक बस में आग लगा दी गई। क्वाकीथेल क्षेत्र में गोलियों की आवाजें भी सुनी गईं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि गोलीबारी किस ओर से हुई।
इस बीच, यह खबर फैलने पर कि गिरफ्तार नेता को राज्य से बाहर ले जाया जा सकता है, प्रदर्शनकारी इंफाल हवाई अड्डे के तुलीहाल गेट पर जमा हो गए और सड़क पर लेटकर किसी भी संभावित कदम को रोकने की कोशिश की।
उधर, अरम्बाई तेंगोल के कुछ सदस्यों ने प्रतीकात्मक विरोध में अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क कर प्रदर्शन किया, जिससे स्थिति और संवेदनशील हो गई है।
राज्य में हालात बेहद नाज़ुक बने हुए हैं और प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है।