‘बिग कैट्स’ की सुरक्षा से मानव भविष्य सुनिश्चित होता है: सीओपी30 में पर्यावरण मंत्री यादव

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 18-11-2025
Protecting 'big cats' ensures human future: Environment Minister Yadav at COP30
Protecting 'big cats' ensures human future: Environment Minister Yadav at COP30

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 भारत ने वैश्विक नेताओं से ‘बिग कैट्स’ के संरक्षण के लिए प्रयास बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा है कि इन प्रजातियों के भविष्य को सुरक्षित करने से मानव जाति के लिए सुरक्षित, दीर्घकालिक जीवन सुनिश्चित होगा।
 
यहां आयोजित यूएनएफसीसीसी सीओपी30 शिखर सम्मेलन में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन (आईबीसीए) पर उच्च स्तरीय मंत्रिस्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने चेतावनी दी कि ‘बिग कैट्स’ की आबादी में गिरावट से पूरा पारिस्थितिकी तंत्र अस्थिर हो जाएगा।
 
आईबीसीए ‘बिग कैट्स’ की सात प्रजातियों के संरक्षण के लिए भारत के नेतृत्व वाली एक वैश्विक पहल है। इन प्रजातियों में बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा शामिल हैं।
 
इस गठबंधन का उद्देश्य अवैध वन्यजीव व्यापार पर अंकुश लगाने, पर्यावासों का संरक्षण करने तथा संरक्षण प्रयासों के लिए संसाधन जुटाने के वास्ते सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है।
 
यादव ने कहा, "जहां ‘बिग कैट्स’ की प्रजातियां रहती हैं, वहां जंगल अधिक स्वस्थ होते हैं, घास के मैदान पुनर्जीवित होते हैं, जल प्रणालियां काम करती हैं, तथा सजीव प्राकृतिक क्षेत्रों में कार्बन प्रभावी और सुरक्षित तरीके से संग्रहित रहता है।”
 
उन्होंने एकीकृत जलवायु और जैव विविधता कार्रवाई के तहत ‘बिग कैट्स’ प्रजातियों और उनके पर्यावासों की सुरक्षा के लिए नए सिरे से वैश्विक सहयोग का आह्वान किया।
 
यादव ने कहा, “आज की पारिस्थितिकी चुनौतियां आपस में गहराई से जुड़ी हुई हैं और इनके लिए एक-दूसरे से जुड़े समाधान की ज़रूरत है। ‘बिग कैट्स’ बेहतरीन शिकारी होते हैं, जो पारिस्थितिक संतुलन को नियंत्रित करते हैं और वे पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के प्रहरी हैं।”
 
उन्होंने यह भी कहा कि ‘बिग कैट्स’ की आबादी में गिरावट से पारिस्थितिक तंत्र अस्थिर होते हैं, जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन कमजोर होता है, और प्राकृतिक कार्बन सिंक नष्ट होते हैं।
 
मंत्री ने कहा, "जिसे हम प्रायः 'वन्यजीव संरक्षण' कहते हैं, वह वास्तव में अपने सबसे प्राकृतिक रूप में जलवायु कार्रवाई है।”