नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का दौरा करेंगे, जहां वह पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन, विचारों और आदर्शों को समर्पित ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है, जो 25 दिसंबर को है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर 2025 को लखनऊ पहुंचेंगे। दोपहर करीब 2:30 बजे वह राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करेंगे और इस अवसर पर एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। यह स्थल स्वतंत्र भारत के महान नेताओं की विरासत को सम्मान देने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना का प्रतीक माना जा रहा है।
राष्ट्र प्रेरणा स्थल को एक राष्ट्रीय स्मारक और प्रेरणादायक परिसर के रूप में विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य देश के नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं, को नेतृत्व, राष्ट्रसेवा और सांस्कृतिक चेतना के मूल्यों से जोड़ना है। बयान में कहा गया है कि यह स्थल भारत के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन, आदर्शों और उनके स्थायी योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जिनके नेतृत्व ने देश की लोकतांत्रिक, राजनीतिक और विकासात्मक यात्रा पर गहरी छाप छोड़ी।
लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह विशाल परिसर करीब 65 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे एक स्थायी राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विकसित किया गया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
इस परिसर में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख विचारकों और नेताओं—डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी—की 65 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। ये प्रतिमाएं भारत की राजनीतिक सोच, राष्ट्र निर्माण और सार्वजनिक जीवन में उनके महत्वपूर्ण योगदान का प्रतीक हैं।
इसके अलावा, परिसर में कमल के आकार में डिजाइन किया गया एक अत्याधुनिक संग्रहालय भी है, जो लगभग 98,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। इस संग्रहालय में उन्नत डिजिटल और इमर्सिव तकनीकों के माध्यम से भारत की राष्ट्रीय यात्रा और इन दूरदर्शी नेताओं के योगदान को प्रदर्शित किया गया है, जिससे आगंतुकों को एक ज्ञानवर्धक और रोचक अनुभव मिलेगा।
राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन निस्वार्थ नेतृत्व और सुशासन के मूल्यों को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह स्थल वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाएगा।