प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 सितंबर 2025 को हिमाचल प्रदेश का दौरा किया, जहां उन्होंने बाढ़, भारी वर्षा और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायज़ा लिया। प्रधानमंत्री ने सबसे पहले हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और इसके बाद कांगड़ा में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें राज्य में हुई क्षति और चल रहे राहत कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई।
इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के लिए ₹1500 करोड़ की वित्तीय सहायता की घोषणा की। इसमें राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) की दूसरी किस्त का अग्रिम वितरण और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) के तहत अतिरिक्त सहायता भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, जिसके अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क्षतिग्रस्त घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत, विद्यालयों का पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) के अंतर्गत राहत वितरण, और पशुधन के लिए मिनी किट्स का वितरण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि कृषि समुदाय को विशेष सहायता दी जाएगी, विशेषकर उन किसानों को जो अभी तक बिजली कनेक्शन से वंचित हैं। उन्होंने क्षतिग्रस्त घरों की जियो-टैगिंग करने का निर्देश दिया ताकि सटीक आकलन के आधार पर पीड़ितों को शीघ्र सहायता मिल सके। इसी प्रकार, स्कूलों को भी नुकसान की रिपोर्टिंग और जियो-टैगिंग के माध्यम से समग्र शिक्षा अभियान के तहत त्वरित सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने जल संकट की चुनौती को देखते हुए वर्षा जल संचयन के लिए पुनर्भरण संरचनाएं (recharge structures) बनाने की योजना की घोषणा की, जिससे भूजल स्तर में सुधार होगा और जल प्रबंधन बेहतर होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पहले ही अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों को हिमाचल प्रदेश भेजा है, जो राज्य में नुकसान का विस्तृत आकलन कर रही हैं। उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता का निर्धारण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर इस संकट की घड़ी में हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर मृतकों के परिजनों के लिए ₹2 लाख की अनुग्रह राशि और गंभीर रूप से घायलों के लिए ₹50,000 की सहायता राशि की भी घोषणा की।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आपदा प्रबंधन नियमों के तहत राज्य को अग्रिम राशि सहित सभी आवश्यक सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने NDRF, SDRF, सेना, राज्य प्रशासन और अन्य स्वयंसेवी संगठनों द्वारा किए जा रहे राहत और बचाव कार्यों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार स्थिति की गंभीरता को समझती है और प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार के ज्ञापन और केंद्रीय टीमों की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।