केरल की वामपंथी सरकार पर श्रम संहिता मसौदे को लेकर दबाव

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 26-11-2025
Pressure on Kerala's Left government over draft labour code
Pressure on Kerala's Left government over draft labour code

 

तिरुवनंतपुरम

केरल की वामपंथी सरकार तीन साल पहले तैयार किए गए केंद्र के श्रम संहिताओं से जुड़े मसौदा विनियमन को लेकर मुश्किल में है। राष्ट्रीय स्तर पर वामपंथी दल इन संहिताओं का विरोध कर रहे हैं और उन्हें ‘‘मजदूर विरोधी’’ बता रहे हैं। हालांकि यह मसौदा राज्य में 14 दिसंबर 2021 को अधिसूचित किया जा चुका था।

कुछ मीडिया रिपोर्टों के बाद, राज्य के श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने स्पष्ट किया कि सरकार कभी भी मजदूरों के हितों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएगी। उन्होंने कहा कि केरल में श्रमिक अधिकारों की रक्षा हमेशा सर्वोपरि रही है। मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के अधिकारी इस मसौदे को केवल केंद्र के दबाव में तैयार कर रहे थे और इसका उद्देश्य मजदूरों को नुकसान पहुँचाना नहीं था।

शिवनकुट्टी ने बताया कि मसौदे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है और इसके कार्यान्वयन की कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी।

भाकपा से जुड़े एआईटीयूसी नेता के पी राजेंद्रन ने आरोप लगाया कि मसौदा विनियमन केंद्र द्वारा पिछले दरवाजे से लागू करने की कोशिश है और केरल जैसे राज्य में इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।केंद्र ने हाल ही में चार श्रम संहिताओं को लागू किया है, जिनके माध्यम से 29 श्रम कानूनों को संशोधित किया गया है। ये चार संहिताएं हैं—वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशाएं संहिता 2020।

शिवनकुट्टी ने कहा कि 27 नवंबर को केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन बैठक होगी, जिसमें इस मसौदे पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, अन्य राज्यों के श्रम मंत्रियों के साथ भी चर्चा की जाएगी।