जयपुर
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को कहा कि स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र-निर्माण में सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका को वह सम्मान नहीं मिला जिसकी वे वास्तव में पात्र थे।
जयपुर में Sardar@150 Unity March के तहत यमुना प्रवाह यात्रा को हरी झंडी दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लें और ‘‘राष्ट्र प्रथम’’ की भावना को अपनाएं।
अमर जवान ज्योति पर आयोजित इस कार्यक्रम में शर्मा ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डॉ. बी. आर. आंबेडकर ने देश को दुनिया का सबसे बड़ा संविधान दिया, जो भारत की प्रगति का मार्गदर्शक है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “दुर्भाग्य की बात है कि स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल के राष्ट्र-निर्माण के अद्वितीय योगदान को उचित पहचान नहीं मिली। उनकी दूरदर्शिता, दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक फैसलों ने कठिन समय में देश को एकजुट किया।”
शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर देशभर में Sardar@150 समारोह मनाए जा रहे हैं। यमुना प्रवाह यात्रा के तहत राजस्थान और अन्य राज्यों के युवा जयपुर से गुजरात स्थित पटेल के जन्मस्थान तक जाएंगे। यह यात्रा उन्हें पटेल के जीवन, संघर्ष और विचारों को समझने का अवसर देगी।
उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में भी पटेल का योगदान अनुपम रहा—विशेषकर बारदोली सत्याग्रह, जहां उन्हें ‘‘सरदार’’ की उपाधि मिली। उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और किसानों को उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करना सिखाया।
देशी रियासतों के एकीकरण का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद पटेल ने कूटनीति, दूरदर्शिता और कठोर निर्णयों से बिखरे हुए भारत को एक सूत्र में पिरोया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर पटेल की विरासत को और मजबूत किया है। आज भारत योजनाओं, विकास, आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक प्रतिष्ठा के मामले में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है।
यात्रा को रवाना करने से पहले मुख्यमंत्री ने अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर, सांसद मंजू शर्मा सहित कई नेता मौजूद रहे।