जम्मू
कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर जम्मू की सड़कों पर व्यापक प्रदर्शन किया।
यह विरोध प्रदर्शन इस साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने की छठी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किए गए। इन दलों ने इस दिन को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया और केंद्र सरकार की इस निर्णय की तीव्र निंदा की।
तीनों दलों ने जम्मू के सर्वदलीय संयुक्त मोर्चा (एपीयूएम) के साथ मिलकर इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने पूर्व मंत्री लाल सिंह और तरनजीत सिंह टोनी के साथ तवी पुल पर महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर इस दिन को यादगार बनाया।
रमन भल्ला ने कहा, “यह काला दिवस प्रदर्शन ‘हमारी रियासत हमारा हक’ अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के गौरव और सम्मान को पुनः स्थापित करना है। भाजपा सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को इस गौरव को नष्ट कर दिया।”
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को कमजोर किया है और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के माध्यम से ‘रिमोट कंट्रोल’ के तहत प्रशासन चला रही है।
उन्होंने कहा, “उच्चतम न्यायालय ने राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने का निर्देश दिया था, लेकिन केंद्र सरकार अभी तक इस पर कदम उठाने में गंभीर नहीं है। पिछले विधानसभा चुनावों के बाद भी जनता दोहरे शासन के कारण भारी परेशानियों का सामना कर रही है।”
कांग्रेस ने पूरे जम्मू-कश्मीर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए। राजौरी में कांग्रेस की रैली पुलिस ने रोक दी, और विधायक इफ्तिखार अहमद समेत कई कार्यकर्ताओं को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया।
सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ता प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता के नेतृत्व में जम्मू के रेजीडेंसी रोड स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने मार्च रोक दिया, जिससे वे वापस लौट गए।पीडीपी के कार्यकर्ताओं ने भी गांधी नगर स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।